वैष्णो देवी मार्ग पर हुए हादसों की फेहरिस्त (कॉन्सेप्ट फोटोे)
Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर में कटरा के वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर मंगलवार को हुए भूस्खलन में अब तक 34 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इतना ही नहीं इस हादसे में 22 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। यह हादसा वैष्णो देवी मंदिर मार्ग ही नहीं बल्कि कटरा में हुआ अब तक का सबसे भयावह हादसा बन चुका है।
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कटरा में इस तरह की आपदा आई है। इससे पहले भी माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर कई दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। तो चलिए हम आपको एक-एक कर के उन सभी दुर्घटनाओं से आपको रूबरू करवाते हैं…
21 जुलाई 2025 को वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले पुराने मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ था। इस दुर्घटना में एक तीर्थयात्री की मौत हो गई थी, जबकि 10 अन्य घायल हुए थे। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक बुकिंग कार्यालय के ऊपर मौजूद लोहे का ढांचा भूस्खलन के भार से ढह गया था।
2 सितंबर 2024 श्री माता वैष्णो देवी भवन मार्ग पर ऐसा ही हादसा हुआ था। यह हादसा पंछी हेलीपैड के पास हुए भूस्खलन के कारण हुआ ता। जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कई अन्य लोग घायल भी हुए थे।
ऐसे ही साल 2017 में 30 जनवरी माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हिमकोटी से पहले देवी द्वार क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई थी। जबकि 3 बच्चों सहित कुल 8 श्रद्धालु घायल हुए थे। हादसे के बाद खराब मौसम के कारण बैटरी कार सेवा भी रोकी गई थी।
7 अगस्त 2016 को रियासी जिले में भूस्खलन के कारण वैष्णो देवी के तीन तीर्थयात्रियों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा 6 और 7 अगस्त की दरम्यानी रात को वंदना व्यू पॉइंट के पास हुआ था। इस दुर्घटना में कई अन्य लोग घायल भी हुए थे।
अब से लगभग तीन साल पहले 31 दिसंबर 2022 को माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ मच गई थी। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी और 30 से ज्यादा घायल हुए थे। यह भगदड़ 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात करीब ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई थी।
नवंबर 2015 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी। कटरा से वैष्णोदेवी के लिए एक हेलीकॉप्टर सेवा है, जो आपको सीधे पहाड़ी पर ले जाती है। इस दुर्घटना में पवन हंस सेवा के पायलट की भी मृत्यु हो गई थी। इससे पहले ऐसी 2 और दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
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30 जनवरी 2001 को इसी तरह की एक और दुर्घटना में, उसी हेलीपैड पर सेना के चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से सेना के एक ब्रिगेडियर, कैप्टन, मेजर और दो पैरा कमांडो की मृत्यु हो गई थी। जुलाई 1988 में, जब सांझी छत हेलीपैड पर एक दुर्घटना हुई, तो 6 श्रद्धालुओं और पवन हंस हेलीकॉप्टर के पायलट की मृत्यु हो गई।