राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे(फोटो-सोशल मीडिया)
Uddhav Thackeray’s visit to Raj Thackeray’s Home: महाराष्ट्र सहित पूरे देश में गणपति उत्सव की धूम है। गणेश चतुर्थी के अवसर लोगों के घर पर गणपति बप्पा पधारते हैं। इस अवसर पूरा परिवार एकजुट होकर बप्पा का मिलजुलकर स्वागत करता है। इस अवसर महाराष्ट्र के दो भाइयों का 22 साल बाद मिलन हो रहा है, राजनीतिक और व्यक्तिगत वजहों से दूर हुए दोनों भाई एक दूसरे करीब गणेश चतुर्थी के अवसर पर आ गए। हम बात कर रहे हैं, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की।
गणेश चतुर्थी के खास मौके पर उद्वव ठाकरे पूरे परिवार के साथ करीब दो दशक बाद छोटे भाई राज ठाकरे घर शिवतीर्थ पहुंचे। यह मुलाकात जितनी खास दोनों परिवारों के लिए है, उतनी ही अहम दो राजनीतिक पार्टियों के लिए भी है। मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव और राज की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
शिवतीर्थ में राज और उद्धव ने परिवार के साथ करीब 2 घंटे बिताए। इस दौरान दोनों परिवारों ने साथ में दोपहर का भोजन भी किया। इसके बाद दोनों परिवारों ने मिलकर गणेश उत्सव भी मनाया। राज और उद्धव के मिलन की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा है। क्योंकि एक समय कहा जा रहा है था कि अब दोनों भाई एक साथ कभी नहीं आएंगी। क्योंकि इस पारिवारिक कलह की वजह राजनीतिक थी। अजीब बात है कि अब राजनीतिक वजहों से ही दूरी मिट रही है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना यूबीटी और मनसे की करारी हार के बाद उद्धव बीएमसी का किला किसी भी हालात में बचाना चाहते हैं। इसलिए दोनों भाई एक साथ मिलकर बीएमसी का चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे व आई सौ. रश्मी ठाकरे ह्यांच्यासह माझे काका मा. राजसाहेब ठाकरे व काकी सौ. शर्मिला ठाकरे ह्यांच्या निवासस्थानी विराजमान श्री गणेशाचे मनोभावे दर्शन घेतले. pic.twitter.com/ZyiAWDrGl2
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 27, 2025
राज और उद्धव ठाकरे की इस मुलाकात के बाद एक तस्वीर आई है। जिसमें दोनों ठाकरे बंधु की नजदीकी देखी जा रही है। राज और उद्धव के पीछे एक बड़ी सी तस्वीर दिखाई दे रही है, जिसमें उद्धव-राज के दादा प्रबोधनकर ठाकरे, बालासाहेब ठाकरे और श्रीकांत ठाकरे की तस्वीर है। यह तस्वीर अपने आप में बहुत कुछ कह रही है। वहीं राज और उद्धव के मिलन से न केवल मनसे और शिवसेना यूबीटी के कार्यकर्ताओं में जोश है, बल्कि बालासाहेब ठाकरे के शुभचिंतकों में खुशी की लहर है।
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गौरतलब है कि दोनों परिवारों के बीच की दूरियां जुलाई माह से ही कम होना शुरू हो गई थीं। जुलाई में दोनों भाई महाराष्ट्र में हिंदी भाषा स्कूलों में अनिवार्य करने के खिलाफ एक साथ मंच पर आए थे। ठाकरे बंधुओं ने राज्य की महायुति और केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया था। निशाने पर भाजपा थी। जब दबाव बढ़ा तो फणडवीस सरकार ने फैसला वापस ले लिया। इसके बाद दोनों भाइयों ने इसे जीत मानकर विजय रैली की। यहीं साफ हो गया कि अब ठाकरे बंधु एक साथ ही रहेंगे। इससे पहले उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर लंबे समय बाद राज ठाकरे मातोश्री पहुंचे थे। इस दौरान दोनों नेताओं ने बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर के सााथ पोज भी दिए थे।