बैतूल जिले में भी 2 बच्चों की जान गई, फोटो- सोशल मीडिया
Cough Syrup Scandal: बैतूल जिले के इन दोनों बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई बताई जा रही है। छिंदवाड़ा के एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस गंभीर मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है। SIT तमिलनाडु के लिए रवाना होगी, जहां यह दवा बनाई गई थी। टीम दवा की सप्लाई चेन और निर्माण प्रक्रिया की पूरी जांच करेगी।
एडीएम धीरेंद्र सिंह ने कहा कि छिंदवाड़ा में अब तक 14 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने मुआवजा राशि स्वीकृत कर परिजनों के खातों में भेज दिया है। इसके अलावा, 8 बच्चे नागपुर अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी देखभाल के लिए डॉक्टर और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की टीम गठित की गई है। अब इन आंकड़ों में दो बच्चे और शामिल हो गए हैं।
बैतूल जिले में पहला मामला जामुन बिछुआ के रहने वाले निखिलेश धुर्वे का दो साल का बेटा निहाल है। निहाल की तबीयत बिगड़ने पर उसे बैतूल और फिर एम्स भोपाल रेफर किया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही दूसरा मामला चार साल के कबीर का है। उसका भी इसी डॉक्टर से इलाज कराया था और 8 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
मध्य प्रदेश में जानलेवा कफ सिरप कोल्ड्रिफ से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। इसी में एक और दर्दनाक कहानी सामने आई है। बैतूल के किसान कैलाश के चार वर्षीय बेटे कबीर की 8 सितंबर को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि सर्दी-जुकाम होने पर एक स्थानीय डॉक्टर ने जो कफ सिरप दी थी, उसे पीने के बाद बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी किडनी फेल हो गई।
कैलाश बताते हैं कि बेटे को बचाने के लिए उन्होंने अपनी तीन एकड़ जमीन साढ़े चार लाख रुपए में गिरवी रख दी और इलाज पर करीब 5 लाख रुपए खर्च कर दिए। फिर भी कबीर की जान नहीं बच सकी। अब किसान पिता ने सरकार से डॉक्टर और दवा कंपनी पर कार्रवाई की मांग की है।
आंखों में आंसू और हाथ में बेटे की फोटो थामे कैलाश कहते हैं-
“इस कोल्ड्रिफ सिरप ने मेरा बच्चा भी छीन लिया और जमीन भी। अब सरकार मेरी जमीन वापस दिलाए और डॉ. सोनी पर सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने इलाज के 20 हजार रुपए लिए, लेकिन मेरे बच्चे को मौत दे दी। दवा कंपनी को भी सज़ा मिलनी चाहिए। मेरे बेटे की किडनी खराब हो गई थी, आखिर कसूर क्या था उसका?”
कैलाश ने उस सिरप की शीशी आज भी संभालकर रखी है। वे बार-बार मोबाइल पर बेटे की तस्वीर देखकर रो पड़ते हैं।
ड्रग कंट्रोलर की टीम लगातार छापेमारी कर रही है और प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप की जब्ती कर रही है। जांच पूरी होने तक प्रदेश के हर जिले में सिरप की खेप पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जबलपुर में कातारिया फार्मास्युटिकल्स के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है। नायब तहसीलदार आदर्श जैन ने बताया कि यही गोदाम कोल्ड्रिफ सिरप की सप्लाई करता था।
ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीन पटेल ने बताया कि पूरा स्टॉक फ्रीज कर दिया गया और सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। रिपोर्ट में सिरप को सबस्टैंडर्ड (मानक से नीचे) पाया गया, जिसके बाद दवा की जब्ती और कार्रवाई तेज़ कर दी गई।
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि तमिलनाडु की फैक्ट्री से आई रिपोर्ट में 48.6% डायथेनॉल पाया गया, जो कि बच्चों के लिए घातक और सख्त प्रतिबंधित केमिकल है। उन्होंने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में तुरंत इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबलपुर के सबसे बड़े स्टॉकिस्ट का गोदाम सील किया गया है और बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
यह भी पढ़ें: नेपाल में थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला, बाढ़-भूस्खलन से अब तक 63 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख
मामले में ने सिर्फ स्टॉकिस्ट, बल्कि सिरप लिखने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है और फैक्ट्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। केंद्रीय ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने भी तमिलनाडु की फैक्ट्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।