ट्रंप के टैरिफ पर कांग्रेस का हमला
Trump 50 Percent Tariff News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते नई चुनौती के दौर में पहुंच गए हैं। ट्रंप का कहना है कि यह फैसला भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद जारी रखने के विरोध में लिया गया है। उनके मुताबिक, भारत “हमारे खिलाफ व्यापार में अच्छा व्यवहार नहीं करता” और “रूसी युद्ध मशीन” को फंड कर रहा है। इस कड़े कदम के बाद देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार और खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए तीखा सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के बार-बार भारत विरोधी फैसलों पर चुप क्यों हैं? प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, “कुछ बोलोगे नहीं देश के लिए? खड़े नहीं होगे देश के अपमान के खिलाफ?” कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार खुद को ट्रंप से करीबी बताती रही है, लेकिन अब जब भारतीय हितों पर प्रहार हो रहा है तब प्रधानमंत्री कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। इसी क्रम में राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “ट्रंप का 50% टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है यह भारत को अनुचित समझौते के लिए धमकाने का प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी को देश की कमजोरी को जनता के ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी सितंबर 2019 में अमेरिका गए और ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप भी मौजूद थे, पीएम मोदी ने सभी परंपराओं को दरकिनार करते हुए खुले मंच से घोषणा की -“अब की बार, ट्रंप सरकार!” फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने… — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 6, 2025
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे’हाउडी मोदी’ (2019, ह्यूस्टन) और ‘नमस्ते ट्रंप’ (2020, अहमदाबाद) जैसे सार्वजनिक आयोजनों और ट्रंप के साथ व्यक्तिगत समीकरण पर तीखे कटाक्ष किए। रमेश ने कहा, “अबकी बार ट्रंप सरकार” के नारे से लेकर एलन मस्क तक को खुश करने की कोशिश मोदी की कूटनीति का हिस्सा रही है, लेकिन आज वही दोस्ती देश के लिए महंगी साबित हो रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रंप 30 से अधिक बार दावा कर चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में उनका निजी हस्तक्षेप रहा है, मगर प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं।
कांग्रेस ने केंद्र की ‘झप्पी-कूटनीति’ और सिर्फ फोटो-ऑप्स तक सीमित विदेश नीति को विफल बताया है। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से भारत को व्यापार, उद्योग और किसानों के लिए बड़ा झटका लगेगा। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार को ट्रंप की दबंगई का खुलकर विरोध करना चाहिए और विदेश नीति को व्यक्तिगत छवि से ऊपर उठाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: प्रियंका गांधी के बयान से गरमाया सियासी माहौल, BJP ने सुप्रीम कोर्ट से की स्वत: संज्ञान की मांग
ट्रंप के इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की आशंका है। भारत ने अपनी ऊर्जा नीति का बचाव करते हुए ‘राष्ट्रीय हित’ की बात दोहराई है, जबकि विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है कि आखिर देश के हितों की सुरक्षा के लिए सशक्त और स्पष्ट नीति की घोषणा कब होगी।