असम के उग्रवादी आदिवासी समूहों के लोग सीएम हेमंत बिस्व सरमा को हथियार सौंपते हुए। Pic Source - Twitter
गुहाटी: असम (Assam) के आदिवासी समूहों (Tribal groups) के उग्रवादियों ने मुख्यधारा की ओर लौटने के लिए कदम बढ़ा लिया है। इसका जीता जागता उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला। समूहो ने हथियार समेत खुद को आत्मसमर्पण कर दिया। सीएम ने हथियार डालने वाले सभी उग्रवादियों का सम्मान किया। सीएम ने इस कदम की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता बताया है।
1,182 कैडरों ने सीएम के सामने किया आत्मसमर्पण
असम के आठ आदिवासी उग्रवादी समूहों से जुड़े तकरीबन 1,182 कैडरों ने गुरुवार गुरुवार को प्रदेश के सीएम के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा की मौजूदगी में आयोजित समारोह में समूहों ने अपने हथियार, गोला-बारूद पुलिस को सौंप दिए। सीएम ने इन सभी उग्रवादी समूहों का स्वागत किया और समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए बधाई दी।
आदरणीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी के प्रोत्साहन और नेतृत्व के बिना
आदिवासी समूहों के साथ यह ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता असंभव होता।उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ता हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। pic.twitter.com/BKovpoVat5
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 6, 2023
आदिवासी समूहों के साथ ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता: CM
सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर और खासकर असम में शांति स्थापना के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रोत्साहन और नेतृत्व के बिना आदिवासी समूहों के साथ यह ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता असंभव होता। उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ता हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।
Assam makes another leap towards peace!
A warm welcome to the 1,182 members of various Adivasi insurgent outfits who abandoned the path of violence and joined Hon’ble Prime Minster Shri @narendramodi ji’s mission of peace and progress in the North East. pic.twitter.com/5wn2kXeHk1
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 6, 2023
पिछले साल किया था समझौता
बता दें, इन उग्रवादी समूहों ने पिछले साल सितंबर में केंद्र व राज्य सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। एएएनएलए यानी ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी, एसीएमए यानी आदिवासी कोबरा मिलिटेंट ऑफ असम, एपीए यानी आदिवासी पीपुल्स आर्मी, बीसीएफ यानी बिरसा कमांडो फोर्स और संथाल टाइगर फोर्स संगठनों के उग्रवादियों ने हथियार समर्पण समारोह में हिस्सा लिया।