वरुण गांधी आज मना रहे 45वां जन्मदिन
नई दिल्ली : दोस्तों, आज यानी 13 मार्च को संजय गांधी और मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी का 45वां जन्मदिन है। उनका जन्म 13 मार्च 1980 में हुआ था। देखा जाए तो वह सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के आलाकमान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन समय ऐसा भी आया था जब उनकी मेनका को वरुण के साथ घर छोड़ना पड़ा था। तब वरुण महज दो साल के ही थे और मेनका आधी रात को उन्हें लेकर घर छोड़कर चली गईं थीं। इसके बाद मेनका बीजेपी में शामिल हुई थीं और आज वरुण भी बीजेपी सांसद हैं। हालांकि, उनके राजनीतिक तेवर सभी राजनेताओं से जुदा हैं।
दरअसल वरुण गांधी की पहचान एक ऐसे राजनेता की है जो सही और गलत के लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं और वहीं अच्छे काम की सराहना करने के लिए वह वे खुले मंच से विपक्ष की तारीफ करने से भी पिछे नही हटते हैं।उन्हें मार्च 2012 में महासचिव के रूप में राजनाथ सिंह की टीम में शामिल किया गया था। वो पार्टी के इतिहास में सबसे युवा महासचिव भी हैं। पार्टी संगठन के साथ भी उनका तालमेल आज भी काफी मजबूत है।
युं तो वरुण गांधी अपनी ही पार्टी बीजेपी को ही कई बार आड़े हाथ ले चुके हैं। वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बेखौफ होकर आम जनता के पक्ष में आवाज उठा चुके हैं। वे अपनी पार्टी के विरोध में बोलना ही नहीं, बल्कि वह विपक्ष की तारीफ करने से भी खुद को रोकते नहीं हैं। वे खुले मंच से वह कई बार अखिलेश यादव की खुल कर तारीफ कर चुके हैं।
जानकारी दें कि, पीलीभीत जिले को मेनका और वरुण की कर्मस्थली के तौर पर माना जाता है। मेनका गांधी ने पहला लोकसभा चुनाव 1989 में इसी सीट से लड़ा था। साल 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान मां ने अपने बेटे को इस सीट से चुनावी समर में उतारा था जिसमें वह रिकार्ड मतों से सांसद चुने गए थे।
परिवार की बात करें तो, वरुण ने ग्राफिक डिजाइनर यामिनी रॉय से शादी की है। दोनों की पहली मुलाकात 2004 में न्यूयॉर्क में हुई थी, इसके 7 साल बाद 6 मार्च 2011 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शादी की थी। वरुण भी साइंस में पोस्ट ग्रैजुए हैं और उनकी शिक्षा-दीक्षा लंदन में हुई है। उन्होंने साल 2004-2005 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से एमएससी की है। जबकि 2001-2002 में यहीं से बीएससी इन इकोनॉमिक्स की पढ़ाई पूरी की थी।
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वरुण की शादी मैरिज फंक्शन में राहुल गांधी के परिवार से कोई नहीं आया था। वरुण खुद सोनिया, राहुल और प्रियंका को शादी का कार्ड देकर आए थे। हालांकि, तब बताया गया था कि प्रियंका शादी में शामिल होने वाली थीं, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वो नहीं पहुंच पाई थीं।
कहा जाता है कि बचपन में वरुण राहुल और प्रियंका के करीब थे। वरुण के पिता संजय गांधी की मौत के बाद इंदिरा वरुण को हमेशा अपने पास ही रखती थीं, लेकिन उनकी और मेनका की अनबन के चलते वरुण को अपनी दादी से अलग होना पड़ा था। जब वरुण के पिता की मृत्यु हुई तो वे मात्र 90 दिनों के थे। उनकी बड़ी बहन प्रियंका, भाई राहुल और दादी इंदिरा उनका बहुत ख्याल रखती थीं। उनके बचपन की कई तस्वीरों में ये साफ देखा जा सकता है। इस खास परिवार में दरार इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आई। इंदिरा की हत्या के बाद मानों परिवार पूरी तरह बिखर चुका था।