ममता बनर्जी और यूसुफ पठान (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दुनिया के मंचों पर पाकिस्तान का पर्दाफाश करने के लिए भारत सरकार ने 7 डेलिगेशन को अलग-अलग देशों में भेजने का निर्णय लिया है। इस डेलिगेशन में बीजेपी ही नहीं बल्कि सभी दलों के सांसदों को शामिल किया गया है। जिसमें टीएमसी सांसद यूसुफ पठान को भी शामिल किया गया था, लेकिन अब उन्होंने डेलिगेशन के साथ जाने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, मोदी सरकार ने पाकिस्तान को बेनकाब करने और ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई बताने के लिए एक सर्वदलीय डेलिगेशन को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया है। लेकिन, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्र सरकार के इस अभियान का हिस्सा नहीं बन रही है। इसी वजह से यूसुफ ने सरकार को डेलिगेशन के साथ जाने से साफ मना कर दिया है।
टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर इसके लिए कोई कारण नहीं बताया है। लेकिन, पार्टी ने केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कहा कि विदेश नीति केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। सरकार को ऐसे मामलों की पूरी जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए।
BIG: Yusuf Pathan will not join multi-party delegation on Operation Sindoor: TMC tells NDA.
Party wanted to pick their own MP.
That might have meant picking: Mahua Moitra, Sagarika Ghosh, Saket Gokhale e.t.c.
Would they have been a better choice? Your views… pic.twitter.com/8kocisguu5 — Rahul Shivshankar (@RShivshankar) May 19, 2025
वहीं सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने सीधे सांसद यूसुफ पठान से संपर्क किया था। सांसदों के डेलिगेशन में यूसुफ पठान का नाम शामिल करने से पहले टीएमसी से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि 7 सर्वदलीय टीमों को अलग-अलग देशों के दौरे पर भेजा जाएगा। जहां, वे ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई बताएंगे, साथ ही आतंकवाद और पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करेंगे।
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विदेश जाने वाली मोदी सरकार की सर्वदलीय टीम में भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जदयू के संजय कुमार, द्रमुक की कनिमोझी, राकांपा-सपा की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं। ये सभी अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। कुल 51 राजनेताओं को विदेश भेजा जा रहा है।