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Tej Pratap Yadav: बिहार में विधानसभा चुनाव की औपचारिक रणभेरी भले ही अभी न बजी हो लेकिन सूबे का सियासी माहौल एकदम गर्मा चुका है। राजनैतिक दलों और राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की फ्रीक्वेंसी बढ़ गई है। इस बीच तेज प्रताप यादव ने कुछ ऐसा किया है जिससे उनके ही छोटे भाई तेजस्वी यादव की धड़कनें बढ़नी तय हैं।
जी हां! बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर विवाद गहरा गया है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव के बड़े भाई और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने कड़ा रुख अपनाया है।
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अपशब्दों का इस्तेमाल करने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए। तेजप्रताप ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनकी पार्टी जनशक्ति जनता दल महुआ में आंदोलन शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि अपशब्दों के इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए। तेज प्रताप यादव ने कहा कि हमने पहले भी कहा है और फिर कहते हैं, किसी भी मां को गाली देना निंदनीय है। मां तो मां होती है। वह अपने बच्चे को जन्म देती है और नौ महीने तक उसे अपने गर्भ में रखती है। मां की बेइज्जती करने वाले या मां पर उंगली उठाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और उन्हें सीधे जेल भेज देना चाहिए।
तेज प्रताप कहा कि जिन लोगों ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई न केवल आवश्यक है, बल्कि लोकतंत्र और सांप्रदायिक-सामाजिक मर्यादा बनाए रखने के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। हम बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों से ज्ञापन के माध्यम से इसकी त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं।
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बिहार के पूर्व मंत्री ने सख्त लहजे में आगे कहा कि अगर आरोपियों को जेल नहीं भेजा गया तो वे आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। तेज प्रताप ने कहा कि अगर उसे जेल नहीं भेजा जाता है, तो हम आंदोलन करेंगे। हमारी पार्टी, जनशक्ति जनता दल, महुआ में आंदोलन करने का काम करेगी।
तेज प्रताप यादव के इस ऐलान के बाद महागठबंधन की टेंशन बढ़ना तय है। क्योंकि, राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू इसे मुद्दा बनाकर तेजस्वी यादव के खिलाफ इस्तेमाल करेगी। जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।