तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (फोटो- सोशल मीडिया)
Tamil Nadu CM on SIR: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता एमके स्टालिन ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में तमिलनाडु की 48 राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया।
सर्वदलीय बैठक के बाद, एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR के पीछे असली मकसद लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। इसलिए, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस प्रक्रिया के खिलाफ खड़े हों।
स्टालिन ने आगे कहा कि जल्दबाजी में लागू किए जा रहा है। SIR के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाना सभी दलों का कर्तव्य है, क्योंकि इसका इरादा तमिलनाडु के लोगों के मताधिकार को छीनना और लोकतंत्र की हत्या करना है।
एमके स्टालिन ने यह सुझाव भी दिया था कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) को मतदाता सूचियों में संशोधन देशभर में 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद पर्याप्त समय लेकर करना चाहिए। स्टालिन के अनुसार, मतदाता सूची संशोधन में भ्रम और शंकाएं हैं, जिसके कारण उनकी यह मांग थी कि संशोधन बिना किसी समस्या के और पर्याप्त समय के साथ किया जाना चाहिए। चूंकि ECI ने DMK की इस मांग को नहीं माना, इसलिए आज की सर्वदलीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया गया है।
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एमके स्टालिन ने बैठक में हिस्सा लेने वाली पार्टियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उन दलों से भी अपील की, जिन्होंने भाग नहीं लिया, कि वे अपनी पार्टियों में SIR पर चर्चा करें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पहल करें। DMK की ओर से बुलाई गई इस बैठक में 48 दलों ने हिस्सा लिया था, लेकिन अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) इससे दूर रही। TVK की अनुपस्थिति के कारण द्रमुक से तकरार शुरू हो गई और दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा है।