सुप्रीम कोर्ट (सोर्स-सोशल मीडिया)
कोलकाता: आरजी कर अस्पताल के ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी का मामला सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी, पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ मंगलवार को करेगी। हालांकि इस दिन सुप्रीम कोर्ट में 66 मुकदमों पर सुनवाई होनी है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए CJI की पीठ इसे प्राथमिकता पर सुनेगी।
पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था। घटना में लगाता विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसी बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले दो वकीलों और तेलंगाना के एक डॉक्टर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर मामले में स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था।
अधिवक्ता उज्ज्वल गौर और रोहित पांडे ने सीजेआई को पत्र लिखकर कहा कि इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया जाए, क्योंकि यह समय की मांग है कि देश की सर्वोच्च अदालत इस स्थिति की मांग के अनुसार तत्काल और गंभीरता से हस्तक्षेप करे।
CJI को भेजे पत्र में लिखा, “राष्ट्र न्यायपालिका को न्याय के अंतिम संरक्षक के रूप में देखता है। उन लोगों के लिए अंतिम शरणस्थली के रूप में जिनकी चीखें क्रूरता से दबा दी गई हैं। इस मामले में पीड़ित, एक युवा डॉक्टर है। जिसका जीवन दूसरों की सेवा के लिए समर्पित था। वह न्याय के पूर्ण माप पाने की हकदार है, जो हमारी कानूनी प्रणाली ही प्रदान कर सकती है। उसकी मृत्यु व्यर्थ नहीं जानी चाहिए, यह हमें कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी अन्य महिला को ऐसा भाग्य न भुगतना पड़े।”
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पत्र में आगे लिखा कि न्यायपालिका के लिए यह स्पष्ट और जोरदार संदेश देने का समय आ गया है। इस तरह के जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। साथ ही जीवन की पवित्रता और महिलाओं की गरिमा को कानून की पूरी ताकत से सख्ती से संरक्षित किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है, “यह मामला न केवल एक निर्दोष व्यक्ति के जीवन का एक विचित्र उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की आत्मा पर हमला है। न्याय और मानवता के आदर्शों का एक गंभीर अपमान है। जिसे हमारा महान संविधान बनाए रखता है।”
चिकित्सा पेशेवरों पर हमलों की एक श्रृंखला, विशेष रूप से कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और पत्र याचिका दायर की गई है।
एजेंसी इनपुट के साथ