सर्वोच्च न्यायालय (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
Supreme Court News: सर्वोच्च अदालत ने पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों को सेना के एक कर्नल और उनके बेटे की कथित तौर पर पिटाई के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेना का सम्मान करें, उनकी वजह से आप चैन की नींद सोते हैं। अदालत ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए CBI जांच जारी रखने का निर्देश दिया है।
ये मामला उस वक्त सामने आया जब शिकायतकर्ता सेना कर्नल ने आरोप लगाया कि उनको और उनके बेटे को चार पुलिस अधिकारियों ने ढाबे पर कार हटाने से मना करने पर पीटा। उनका आरोप था कि इस घटना के बाद भी FIR दर्ज करने में आठ दिन की देरी हुई और राज्य सरकार अपने पुलिस अधिकारियों को बचा रही थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने कोर्ट में कहा कि FIR दर्ज करने में अनावश्यक देरी की गई तथा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि आठ दिन बाद दर्ज हुई FIR के बाद भी आरोपी पुलिस अधिकारी खुलेआम घूमते रहे। सेना अधिकारी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इसके बाद कोर्ट ने मामले में CBI जांच का आदेश दिया था।
पुलिस अधिकारियों द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, लेकिन जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश पूरी तरह तर्कसंगत है और इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं।
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इस दौरान जस्टिस शर्मा ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि जब जंग चल रही होती है, आप इन्हीं सैनिकों को सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि आप घर में चैन से इसलिए सो पाते हैं क्योंकि यह सैनिक -40 डिग्री तापमान पर बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। कोर्ट न पूछा कि आठ दिन तक FIR क्यों नहीं? ये कानून तोड़ने जैसा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।