एम. के. स्टालिन, हरिनी अमरसूर्या (सोर्स- सोशल मीडिया)
Harini Amarasuriya India Visit: श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या इस समय 16 से 18 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इस दौरान उन्होंने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज का दौरा किया। जहां उन्होंने छात्रों से बात करते हुए दीवार की जगह पुल बनाने की वकालत की।
इसी बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकवि पत्र लिखकर श्रीलंका के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दो महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की अपील की है। स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा कि, कच्चाथीवू द्वीप ऐतिहासिक रूप से भारत का हिस्सा रहा है, लेकिन 1974 में इसे राज्य सरकार की अनुमति और उचित प्रक्रिया के बिना श्रीलंका को सौंप दिया गया।
स्टालिन ने बताया कि 2021 से अब तक श्रीलंकाई नौसेना ने 1,482 भारतीय मछुआरों को पकड़ा और 198 नावें जब्त की हैं, जिससे मछुआरों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि वे अब तक प्रधानमंत्री कार्यालय को 11 बार और विदेश मंत्रालय को 72 बार इस मुद्दे पर पत्र लिख चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कच्चातीवु द्वीप पहले भारत का हिस्सा था, और वहाँ के समुद्री क्षेत्र में तमिल मछुआरे परंपरागत रूप से मछली पकड़ते थे। लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाते और उन्हें “अवैध घुसपैठ” के आरोप झेलने पड़ते हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने मांग की कि भारत सरकार इस यात्रा के दौरान इन मुद्दों को श्रीलंका की प्रधानमंत्री के सामने गंभीरता से रखे।
हरिनी ने अपने भारत दौरे को भारत और श्रीलंका के रिश्तों को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर बताया। उन्होंने कहा, कॉलेज लौटकर बहुत अच्छा लग रहा है। हरिनी कहा, नए छात्रों को देखकर मन में नई उम्मीदें जागती हैं।
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अपने संबोधन में हरिनी ने छात्रों से राजनीति में आने का आह्वान करते हुए कहा कि देश की राजनीति को बेहतर बनाने के लिए भ्रष्टाचार और पक्षपात को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे राजनीति से दूर न भागें, क्योंकि यही समाज और दुनिया को बदलने का सबसे प्रभावी रास्ता है।