चुनाव आयोग, फोटो- सोशल मीडिया
SIR 2.0: देश के 12 राज्यों, जिनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं, में वोटर आईडी सत्यापन के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिविजन शुरू हो रहा है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होगी, जहां बीएलओ घर-घर जाकर एनुमरेशन फॉर्म बांटेंगे। SIR का प्राथमिक उद्देश्य मतदाता सूची से अपात्र नामों को हटाना और पात्र मतदाताओं को शामिल करना है।
बिहार में जारी चुनावी सरगर्मी के बीच, चुनाव आयोग मंगलवार से देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। यह वोटर आईडी सत्यापन का काम है।
दूसरे चरण के दौरान जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह एसआईआर होना है, वे हैं- अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुदुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल। इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 51 करोड़ मतदाता हैं।
SIR का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची में शामिल होने से छूट न जाए। साथ ही, आयोग का उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें मतदाता सूची से बाहर निकालना भी है। इससे पहले एसआईआर की प्रक्रिया 2002-04 में की गई थी।
एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू हो रही है। इसके तहत बूथ लेवल अधिकारी (BLO) मतदाता के घर-घर जाकर एनुमरेशन फॉर्म बांटने का काम शुरू कर देंगे। संबंधित बीएलओ तीन बार लोगों के घर जाएंगे। ये फॉर्म 4 दिसंबर 2025 को जमा किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के आधार पर, निर्वाचन आयोग 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी करेगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2025 को किया जाएगा।
इस बार की एसआईआर प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि बिहार की तरह सिर्फ आधार कार्ड मान्य नहीं है। सत्यापन के लिए आयोग ने कुल 13 दस्तावेज जरूरी किए हैं।
SIR के लिए जो दस्तावेज मान्य होंगे उनमें शामिल हैं:
बर्थ सर्टिफिकेट, 10वीं या किसी अन्य परीक्षा का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकारी जमीन और मकान के कागजात, जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र, सरकारी नौकरी का पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर, परिवार रजिस्टर की कॉपी, आधार कार्ड से जुड़ी आयोग की दिशा-निर्देश, NRC की एंट्री, 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र, और सरकार की ओर से जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र।
SIR की प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए चुनाव आयोग का एक दल 5 से 8 नवंबर तक पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकता है। प्रधान सचिव एस बी जोशी और उप सचिव अभिनव अग्रवाल के नेतृत्व में यह दल बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों का निरीक्षण कर सकता है।
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यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि SIR वाले राज्यों में से चार तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। निरीक्षण के दौरान, टीम यह आकलन करेगी कि बीएलओ और रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) अपने कर्तव्यों का पालन कैसे कर रहे हैं।