सुप्रीम कोर्ट (सोर्स: सोशल मीडिया)
Supreme Court on IndiGo Chaos: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडिगो उड़ान संकट से संबंधित याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि भारत सरकार पहले ही इस मुद्दे पर संज्ञान ले चुकी है। एक वकील ने हाल ही में इंडिगो की कई उड़ानों के अचानक रद्द होने के बाद देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों की परेशानियों का उल्लेख करते हुए मामले की गंभीरता को उठाया था। वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ से कहा, “बिना सूचना दिए कंपनी ने उड़ानें रद्द कर दी हैं। यह एक गंभीर मामला है।”
इस मामले पर सीजेआई सूर्यकांत ने कहा, “हम समझते हैं कि लाखों लोग हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं, जिनमें से कुछ के पास महत्वपूर्ण कार्य हैं और कुछ को तत्काल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। हालांकि, भारत सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। ऐसा लगता है कि समय पर कार्रवाई की गई है। देखते हैं कुछ समय बाद क्या होता है। फिलहाल कोई तात्कालिकता नहीं है।” साथ ही कोर्ट ने इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही इसे गंभीरता से लिया है और स्थिति पर नजर बनाए रखी है।
शिकायतों को देखते हुए जेडीयू नेता संजय झा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति एयरलाइन और मंत्रालय के अधिकारियों को तलब कर जवाब मांग सकती है। वहीं, डीजीसीए ने इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए एक चार सदस्यीय जांच पैनल बनाया है। इस समिति में संयुक्त महानिदेशक संजय के ब्रम्हाने, अमित गुप्ता, कैप्टन कपिल मांगलिक और कैप्टन रामपाल शामिल हैं। यह पैनल 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा। फिलहाल इंडिगो का कहना है कि उन्हें यात्रियों का भरोसा दोबारा जीतने में काफी वक्त लगेगा।
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों को राहत देने के लिए कड़े आदेश जारी किए हैं। कंपनी के सीईओ को 24 घंटे के भीतर यह बताना होगा कि पिछले पांच दिनों से जारी इस कुप्रबंधन के लिए उन पर एक्शन क्यों न लिया जाए। जवाब न मिलने पर डीजीसीए एकतरफा फैसला लेगा।