क्या है संचार साथी ऐप (सांकेतिक तस्वीर)
Sanchar Saathi App: दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि सभी नए उपकरणों में ‘संचार साथी’ ऐप का प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा। विभाग का कहना है कि यह कदम साइबर धोखाधड़ी रोकने, दूरसंचार सुरक्षा मजबूत करने और नकली या डुप्लीकेट आईएमईआई (IMEI) वाले उपकरणों की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है।
DoT ने मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता (Genuineness) जांचने के लिए ‘संचार साथी’ ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। यह ऐप पहली बार सेटअप के दौरान उपयोगकर्ताओं को साफ दिखाई देना चाहिए, पूरी तरह कार्यात्मक होना चाहिए और इसे डिसेबल नहीं किया जा सके। निर्माताओं को सुनिश्चित करना होगा कि उपयोगकर्ता डिवाइस सेटअप के दौरान ऐप तक पहुंच रख सकें। इसके किसी भी फीचर को छिपाने, रोकने या निष्क्रिय करने की अनुमति नहीं होगी।
संचार साथी पोर्टल और ऐप नागरिकों को आईएमईआई नंबर के जरिए मोबाइल की वास्तविकता जांचने की सुविधा देता है। डुप्लीकेट या स्पूफ्ड आईएमईआई साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। कई बार एक ही आईएमईआई अलग-अलग डिवाइसों पर एक साथ दिखाई देता है, जिससे कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
भारत में सेकंड-हैंड मोबाइलों का बड़ा बाज़ार है। चोरी हुए या ब्लैकलिस्टेड फोन फिर से बेचे जाने के मामलों ने खरीदारों को अनजाने में अपराध में फंसा दिया है और आर्थिक नुकसान भी कराया है। संचार साथी ऐप ब्लॉक या ब्लैकलिस्टेड आईएमईआई की जांच करने में मदद करता है। इसमें फर्जी कॉल/मैसेज रिपोर्ट करने, खोए/चोरी हुए फोन की सूचना देने और अपने नाम पर जारी सभी मोबाइल कनेक्शन देखने जैसी सुविधाएँ भी हैं।
DoT ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि भारत में उपयोग के लिए बनाए गए या आयात किए गए सभी फोन में संचार साथी ऐप प्री-लोड होना चाहिए, ताकि यूजर असली डिवाइस की पुष्टि कर सकें और टेलीकॉम सर्विस दुरुपयोग पर रोक लगे।
28 नवंबर 2025 को जारी आदेश के मुताबिक, नए मोबाइल के सेटअप के दौरान ऐप ठीक से दिखाई देना चाहिए और उपयोग में आसान होना चाहिए। कंपनियों को 90 दिन अनुपालन के लिए और 120 दिन रिपोर्ट जमा करने के लिए दिए गए हैं। स्टॉक में पड़े उपकरणों में यह ऐप सॉफ़्टवेयर अपडेट द्वारा जोड़ा जाएगा।
इसके माध्यम से यूजर्स-
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि निजता का अधिकार—जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनइंस्टॉल न होने वाला सरकारी ऐप “हर नागरिक की गतिविधियों पर नज़र रखने का माध्यम” बन सकता है। उनका कहना था कि यह निर्देश “संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हमलों” का हिस्सा है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने लिखा, “बिग ब्रदर हमारे फोन और हमारी निजी जिंदगी पर कब्ज़ा कर लेगा। यह पेगासस++ जैसा है।” शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने भी इसे “बिना घोषित की गई तानाशाही” कहा।
DoT के अनुसार डुप्लीकेट या छेड़छाड़ किए गए IMEI गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं। भारत के बड़े सेकंड-हैंड मोबाइल बाजार में चोरी और ब्लैकलिस्टेड फोन फिर से बेचे जाने के कई मामले सामने आए हैं। संचार साथी यूजर्स को फोन खरीदने से पहले IMEI ब्लॉक है या नहीं, यह जांचने की सुविधा देता है।
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आदेश में कहा गया है कि 15-अंकों वाले IMEI नंबर के साथ छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध है, और टेलीकम्युनिकेशन अधिनियम 2023 के तहत तीन साल की जेल, 50 लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह निर्देश Apple, Samsung, Google, Vivo, Oppo और Xiaomi जैसी सभी प्रमुख कंपनियों पर लागू होगा। ऐप Play Store और Apple App Store पर भी उपलब्ध है।