सचिन पायलट (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए 10 मई की शाम को सीजफायर की घोषणा की गई, लेकिन सीजफायर का ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति ने जिस तरह से किया इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। इस पूरे मसले को लेकर कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी से विपक्ष के सवालों का जवाब देने को कहा है। पायलट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मसले द्विपक्षीय हैं, पहली बार अमेरिका इसकी मध्यस्ता कर रहा है। क्या कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे को इंटरनेशनल बनाया जा रहा है।
सीजफायर के ऐलान के बाद ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से सवालों की बौछार कर दी गई है। हालांकि 10 को सीजफायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन अटैक कर शांति समझौते का उल्लंघन किया। इसके बाद भारत शसस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद शहबाज शरीफ ने दोबारा सीजफायर की बात कही।
संसद सत्र में सरकार सवालों का विस्तार से जवाब दे
इस पूरे मसले पर कांग्रेस पार्टी की मांगों को दोहराते हुए पायलट ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर सरकार से जानकारी देने की मांग की है। हैरानी जताते हुए कांग्रेस नेता पायलट ने कहा कि अमेरिका का दो दिन पहले कहा, it is none of our business… उसके बाद Secretary of State, उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति सबसे पहले घोषणा करते हैं कि सीजफायर हो रहा है, उसके बाद पाकिस्तान और भारत भी सीजफायर का ऐलान करते हैं।
पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की।
यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया… pic.twitter.com/V3jyH8gktX
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
POK को लेकर सरकार पास करे प्रस्ताव
पायलट ने कहा कि आपको याद होगा कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने सर्वसम्मति से PoK को वापस लेने का प्रस्ताव पारित कराया था। अब समय आ गया है कि हमें 1994 के प्रस्ताव को दोहराना चाहिए। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश और विपक्ष समेत हर राजनीतिक दल से भारत सरकार को पूरा समर्थन मिला। हमने पहले दिन से ही साफ कहा था कि यह हमारी आत्मा पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। सेना ने जो कदम उठाए, हमें उस पर गर्व है। सरकार को हमारी मांग सुननी चाहिए और एक विशेष संसद सत्र बुलाकर चर्चा करनी चाहिए ताकि पूरी दुनिया में संदेश जाए कि आतंकवाद और पाकिस्तान के दुस्साहस के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें
• यह जो मध्यस्थता हुई है, क्या इसे भारत सरकार ने Accept किया है?
• अमेरिका ने किन शर्तों पर इस प्रकार की घोषणा की है, यह बहुत बड़ा सवाल है। इसमें कश्मीर का जिक्र भी किया गया है।
• डिप्लोमेसी का अपना एक रोल है, लेकिन अगर इस प्रकार वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, तो कई सवाल खड़े होते हैं।
• इस मुद्दे पर भारतीय थल सेना के पूर्व जनरल ने भी जो बातें बोली हैं, हमें उस पर ध्यान देना चाहिए।
• मैं मानता हूं कि सीजफायर की घोषणा के बाद जो बॉर्डर पर उल्लंघन हुए, यह इसकी विश्वसनीयता को खत्म करता है।