मोहन भागवत, (प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)
RSS Chief Mohan Bhagwat: तमिलनाडु के मदुरै जिले में प्रसिद्ध अरुलमिगु सुब्रमणिया स्वामी मंदिर के पास तिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी के कार्तिगई दीपम विवाद पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर दी है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि अब तमिलनाडु के हिंदू खुद ही इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम हैं और जब उन्हें जरूरत पड़ेगी तब आरएसएस भी इसपर विचार करेगा। यह विवाद इतना बढ़ गया है कि दीपक जलाने की अनुमति देने वाले जज के खिलाफ विपक्ष ने महाभियोग का नोटिस भी दे दिया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि तिरुपरंकुंद्रम मामले को अगर आगे बढ़ाने की आवश्यकता पड़ी तो ऐसा किया जाएगा। यह मामला अभी कोर्ट में है। उसे सुलझने दीजिए। आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनसे यह पूछा गया था कि क्या इस मसले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिए।
मोहन भागवत ने सबसे बड़ी बात यह कही कि, ‘मैं समझता हूं कि तमिलनाडु में हिंदुओं का जागना ही मनचाहे परिणाम के लिए काफी है। लेकिन, अगर फिर भी इसकी आवश्यकता पड़ी, तो तमिलनाडु में भी हिंदू संगठन काम कर रहे हैं। वे हमें बताएंगे। फिर हम इस बारे में सोचेंगे। वे बोले, ‘इस समय मुझे लगता है कि तमिलनाडु में हिंदुओं के सामर्थ्य के आधार पर ही इस मुद्दे का हल निकल सकता है। आरएसएस चीफ का कहना है कि हमें इसे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, एक बात पक्की है कि यह मामला हिंदुओं के पक्ष में ही सुलझेगा।
तमिलनाडु की डीएमके की अगुवाई वाली सरकार ने मदुरै जिले में एक दरगाह के नजदीक तिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी पर मौजूद पत्थर के दीपस्तंभ पर अरुलमिगु सुब्रमणिया स्वामी मंदिर के श्रद्धालुओं को पारंपरिक ‘कार्तिगई दीपम’ प्रज्वलित करने की अनुमति देने वाले मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। यह आदेश मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की सिंगल बेंच ने दिया था।
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यही नहीं, इस मामले में डीएमके और इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस समेत उसकी सहयोगी पार्टियों ने लोकसभा स्पीकर को जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का भी नोटिस दिया है।