प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
Supreme Court on Stray Dogs: राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए नाराजगी जताई। राहुल ने लिखा कि स्ट्रीट डॉग्स को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है।
राहुल ने नाराजगी जताते हुए लिखा कि ये बेजुबान कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटाया जा सके। आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल से सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बिना क्रूरता के।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि सभी स्ट्रीट डॉग्स को एक साथ हटाना न केवल अमानवीय है बल्कि यह दूरदर्शिता की कमी और हमारी करुणा को खत्म करने वाला कदम है। हम जनसुरक्षा के साथ पशु कल्याण को एक साथ सुनिश्चित कर सकते हैं।
The SC’s directive to remove all stray dogs from Delhi-NCR is a step back from decades of humane, science-backed policy.
These voiceless souls are not “problems” to be erased.
Shelters, sterilisation, vaccination & community care can keep streets safe – without cruelty.Blanket…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 12, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने नगर निगम दिल्ली और न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल को तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने और हटाने का निर्देश दिया है। दरअसल ये फैसला बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है जो इन कुत्तों के हमले और रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि दिल्ली-एनसीआर के हर इलाके से स्ट्रीट डॉग्स को उठाना शुरू किया जाए। इसके साथ ही उन्हें किसी अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाय। इस प्रक्रिया में किसी संगठन या व्यक्ति की ओर से बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई कुत्तों को पकड़ने में जबरदस्ती रुकावट डालेगा तो उसे कानूनी नतीजे भी भुगतने पड़ सकते हैं।
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कोर्ट ने कहा कि इसके पीछे की वजह हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स के बढ़ रहे हमले हैं। लोगों में डर का माहौल है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरा और अधिक गंभीर हो गया है। रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है। मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि इस काम में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और समयबद्ध तरीके से इसे लागू करना होगा। कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि मानव जीवन और सुरक्षा पहले हैं। यह हमारे लिए सर्वोपरि है। इसके लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
IANS इनपुट के साथ