अब हर हफ्ते अपडेट होगा क्रेडिट स्कोर, फोटो- सोशल मीडिया
RBI New Guideline: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट स्कोर अपडेट को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। नए ड्राफ्ट दिशानिर्देशों के मुताबिक, क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CICs) अब हर हफ्ते क्रेडिट स्कोर अपडेट करेंगी। यह बदलाव 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा, जिससे करोड़ों कर्जदारों को समय पर राहत मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 सितंबर 2025 को नए ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह फैसला क्रेडिट कार्ड और लोन लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए राहत लेकर आया है। फिलहाल, क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CICs) क्रेडिट डेटा को पखवाड़े यानी हर 15 दिन में अपडेट करती हैं। इस देरी के कारण कई बार ग्राहकों के स्कोर में हुए सुधार को रिपोर्ट में आने में समय लग जाता है।
इस विलंब से ग्राहकों को वांछित क्रेडिट कार्ड या सस्ते ब्याज वाले लोन पाने में दिक्कत आती है। RBI का साप्ताहिक क्रेडिट स्कोर अपडेट का फैसला क्रेडिट सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी, तेज और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। RBI द्वारा जारी ड्राफ्ट दिशानिर्देशों में क्रेडिट रिपोर्ट को अपडेट करने के लिए एक विस्तृत समय सारणी दी गई है। क्रेडिट कंपनियां हर महीने की 7, 14, 21, 28 तारीख और महीने के आखिरी दिन तक क्रेडिट रिपोर्ट को अपडेट करेंगी।
इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को डेटा भेजने की समय सीमा भी तय की गई है:
मासिक डेटा: बैंकों को हर महीने की पूरी क्रेडिट फाइल अगले महीने की 3 तारीख तक CICs को भेजनी होगी।
साप्ताहिक डेटा: सप्ताह के बाकी अपडेट के लिए, बैंकों को इंक्रीमेंटल डेटा भेजना होगा। इस इंक्रीमेंटल डेटा में नए खुले अकाउंट, बंद हुए अकाउंट, ग्राहक द्वारा किए गए बदलाव या अकाउंट की स्थिति बदलने से जुड़ा डेटा शामिल होगा। बैंकों को यह डेटा दो दिनों के अंदर जमा करना होगा।
रिपोर्टिंग: अगर कोई बैंक समय पर डेटा जमा नहीं करता है, तो CICs इसकी सूचना RBI के DAKSH पोर्टल पर देंगे।
साप्ताहिक अपडेट से ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि उनका सुधारित क्रेडिट स्कोर जल्दी रिपोर्ट में दिखाई देगा। इससे उन्हें जल्दी लोन मिल सकेगा और ब्याज दर भी सही मिल पाएगी। आजकल कई बैंक ब्याज दर को सीधे क्रेडिट स्कोर से जोड़ चुके हैं, इसलिए स्कोर तेजी से अपडेट होने पर ब्याज कम पड़ सकता है। इसके अलावा, ग्राहकों को बेहतर क्रेडिट कार्ड ऑफर और उनकी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
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यह फैसला बैंकों के लिए भी गेम चेंजर साबित होगा। बैंकों को ग्राहकों का ताजा और सही क्रेडिट डेटा उपलब्ध होगा। इससे लोन मंजूरी और जोखिम आंकने की प्रक्रिया ज्यादा सटीक होगी। बैंक बेहतर तरीके से तय कर पाएंगे कि किसे लोन देना है और किस ब्याज दर पर देना है।