आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (सौजन्य-एक्स)
बेंगलुरु: देश में बिहार और बंगाल के चुनाव नजदीक आ रहे है, जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारी कर रही है। साथ ही आरएसएस भी अपनी तैयारियों में जुट गई है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज से तीन बेंगलुरु में तीन दिवसीय दौरे पर है। आरएसएस ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आज 21 मार्च से 23 मार्च तक बेंगलुरु में तीन दिवसीय बैठक का आयोजित की है। बिहार चुनाव आने वाले है, ऐसे में आरएसएस की इस बैठक को चुनाव की तैयारी के लिए एक अहम बैठक माना जा रहा है।
आरएसएस की इस बैठक में 1482 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जो आने वाले चुनाव की तैयारी में अहम योगदान निभाने की क्षमता रखते है। आरएसएस संघ के प्रमुख प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान कार्यकारी समिति बांग्लादेश और आरएसएस के शताब्दी समारोह को लेकर प्रस्ताव भी पारित करेगी। उन्होंने आगे बताया कि बेंगलुरु में आयोजित इस तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस से जुड़े 32 संगठनों के अध्यक्ष और महासचिव भी भाग लेंगे, जिनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और महासचिव बी एल संतोष भी प्रमुख रूप से शामिल होंगे।
आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बताया 21 से 23 मार्च तक आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के कार्यकारी समिति के सदस्य इस बैठक में दिखेंगे। यह आयोजन 4 साल बाद बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है। आंबेकर ने बताया कि संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले, संघ द्वारा किए गए कार्यों और उसके भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। बैठक के दौरान क्षेत्रीय प्रमुख भी अपने-अपने कार्यों, कार्यक्रमों, भूमिका और भविष्य की योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करेंगे, जिनकी बैठक में समीक्षा भी की जाएगी।
इसके अलावा प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए अत्याचार पर कोई ठोस कदम उठाएगी। साथ ही आरएसएस की भूमिका पर कार्यकारी समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी और एक बार मंजूरी मिलने के बाद इसे कोर कमेटी के सामने पेश किया जाएगा।
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संघ प्रवक्ता ने कहा हम चाहतें कि हैं कि कहीं भी, चाहे बांग्लादेश में हो या दुनिया में कहीं भी, हिंदुओं की सुरक्षा और उनके गौरव, उनकी संवेदनशीलता का सम्मान किया जाना चाहिए। इसलिए यह मुख्य मुद्दा है। इसलिए हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि इसे आगे कैसे व्यक्त किया जाए और आगे की योजना क्या होनी चाहिए।