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जब श्रीलंका में बाल-बाल बचे थे राजीव गांधी, एक नौसैनिक ने बंदूक के बट से किया था जानलेवा वार- VIDEO

जब राजीव गांधी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था, उसी समय एक नौसैनिक विजिथा रोहन विजेमुनि ने बंदूक की बट से उन पर वार कर दिया। विजिथा सिंहली समुदाय से संबंध रखता था और वह राजीव गांधी द्वारा शांति सेना भेजने के निर्णय से..

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: May 21, 2025 | 04:19 PM

श्रीलंका में राजीव गांधी पर एक नौसनिक ने बंदूक के बट से किया हमला, फोटो (सो.सोशल मीडिया)

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि हर साल 21 मई को मनाई जाती है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दिन को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। राजीव गांधी भारत के एक प्रमुख राजनेता थे, जिन्होंने 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी। वे भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने यह जिम्मेदारी मात्र 40 वर्ष की आयु में संभाली। आइए जानते हैं राजीव गांधी की हत्या से जुड़ी कुछ बड़ी जानकारी

सन् 1970 के दशक में श्रीलंका में लिट्टे नामक संगठन सक्रिय हुआ। जिसका पूरा नाम लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम है। यह संगठन श्रीलंका से अलग एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना की मांग करता था। समय के साथ यह आंदोलन अधिक सशक्त और हिंसक होता गया। 1983 में लिट्टे के सदस्यों ने जाफना में 13 श्रीलंकाई सैनिकों की हत्या कर दी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद लिट्टे और श्रीलंकाई सेना के बीच लड़ाई तेज हो गई और श्रीलंका में गृहयुद्ध छिड़ गया।

भारत में दिख रहा था श्रीलंकाई गृहयुद्ध का सीधा असर

पड़ोसी देश में हो रही व्यापक हिंसा का प्रभाव भारत पर भी महसूस किया गया। लाखों तमिल लोग समुद्री रास्ते से भारत की ओर आने लगे। वहीं, लिट्टे समूह भारत में रहने वाले तमिलों के साथ मिलकर अलग राष्ट्र की मांग कर रहा था। मतलब श्रीलंकाई गृहयुद्ध का सीधा असर अब भारत में भी देखने को मिलने लगा था।

1986 में स्थिति और भी गंभीर हो गई। जब तमिलों के मजबूत किले जाफना पर श्रीलंकाई सेना ने हमला कर दिया, जिससे कई तमिल नागरिकों की जान चली गई। भारत ने जाफना में फंसे तमिलों की मदद के लिए अपनी सेना भेजी। इस अभियान को ‘पवन’ नाम दिया गया। भारत ने शुरुआत में समुद्र मार्ग से सहायता भेजने की कोशिश की, लेकिन श्रीलंकाई सैनिकों ने भारतीय सेना को वहां जाने से रोक दिया।

भारत इस फैसले से असंतुष्ट था और उसने घोषणा की कि वह तमिलों तक मदद हवाई मार्ग से पहुंचाएगा, जिसमें भारतीय वायुसेना भी शामिल होगी। इसके साथ ही कहा गया कि यदि भारतीय वायुसेना के विमानों पर हमला हुआ तो उसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा। भारत के इस कदम के बाद श्रीलंका सरकार लिट्टे के साथ समझौता करने को तैयार हो गई। जुलाई 1987 में भारतीय शांति सेना की जाफना में तैनाती शुरू हुई। इस तैनाती के साथ ही शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए राजीव गांधी कोलंबो भी गए।

एक नौसैनिक ने किया बंदूक की बट से हमला

30 जुलाई को जब राजीव गांधी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था, उस दौरान एक नौसैनिक विजिथा रोहन विजेमुनि ने अपनी बंदूक की बट से उन पर हमला कर दिया। विजिथा सिंहली समुदाय से था और शांति सेना भेजे जाने के फैसले से राजीव गांधी से नाराज था। हालांकि राजीव गांधी ने समय रहते स्थिति संभाली, लेकिन उन्हें चोटें आईं। तुरंत उनकी सुरक्षा टीम ने हमला करने वाले को घेर लिया। यह घटना एक अनोखी घटना है क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री पर विदेशी धरती पर हुआ इकलौता हमला है।

देखें Video-

यही निर्णय बना हत्या का कारण

1990 तक शांति समझौते के बाद भारतीय सेना के सैनिक वहां तैनात रहे। इस ऑपरेशन में लगभग 1200 भारतीय जवान शहीद हुए। यह निर्णय बाद में राजीव गांधी की हत्या का कारण बना। क्योंकि शांति स्थापना के लिए सेना भेजने का कदम लिट्टे के लिए राजीव गांधी को दुश्मन बना गया। इसके चलते 1991 में लिट्टे ने एक आत्मघाती हमला कर राजीव गांधी की हत्या कर दी।

Rajeev gandhi attack in sri lanka peace treaty led to assassination

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Published On: May 21, 2025 | 04:12 PM

Topics:  

  • Rajiv Gandhi
  • Srilanka
  • Today In History

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