राजस्थान में बड़ा खेल, MBBS की पढ़ाई के बिना ही ले ली डिग्री, कोई सर्जन तो कोई गाइनी, रजिस्ट्रार सस्पेंड
राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने डिग्री देखे बिना जाली कागजात के आधार पर ही कई को सीधे डॉक्टर ही बना दिया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद यहां की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए काउंसिल के रजिस्ट्रार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जयपुर: राजस्थान में एक नया और अनोखा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां की राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने डिग्री देखे बिना जाली कागजात के आधार पर ही कई को सीधे डॉक्टर ही बना दिया है। हैरानी की बात यह रही कि, इन फर्जी डॉक्टरों में कई के पास न तो कोई MBBS डिग्री थी और न ही इन लोगों ले कही इंटर्नशिप की थी।
वहीं राजस्थान मेडिकल काउंसिल में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद यहां की भजनलाल सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ.राजेश शर्मा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रमुख विशेषज्ञ सर्जरी डॉ गिरधर गोपाल गोयल को अब RMC के रजिस्ट्रार का अतिरिक्त कार्य भार भी दिया गया है।
मामले पर बीते 1 अक्टुबर को इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ। राजेश शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी अखिलेश माथुर एवं कनिष्ठ सहायक फरहान हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही, इस पद का अतिरिक्त कार्यभार सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रमुख विशेषज्ञ सर्जरी डॉ। गिरधर गोपाल गोयल को दिया गया है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया पंजीकरण करने में कुछ प्रक्रियागत खामियां सामने आई हैं। साथ ही, पंजीकरण में लापरवाही एवं अनियमितता से संबंधी तथ्य भी सामने आए हैं। इसे देखते हुए रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
खींवसर ने यह भी कहा है कि फर्जी पंजीकरण होना गंभीर मामला है। हम इसकी तह तक जाएंगे। राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर शून्य बर्दाश्त की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग में भी इसी नीति के आधार पर काम सुनिश्चित किया जा रहा है। इस बाबत एक सरकारी बयान के अनुसार फर्जी पंजीकरण मामले में जांच समिति की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्तर पर अनियमितताएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
इस प्रकरण संज्ञान में आते ही चिकित्सा मंत्री ने मामले की गहन जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। इस समिति में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी महिपाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ। रवि प्रकाश शर्मा, वित्तीय सलाहकार वीना गुप्ता एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ। अजीत सिंह शामिल हैं। समिति ने बीते मंगलवार शाम को अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। शीघ्र ही, कमेटी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
Rajasthan medical council neither neet nor mbbs medical council makes 12th pass students doctors