राहुल गांधी, फोटो- सोशल मीडिया
Stand Against Vote Chori: राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ मुहिम के तहत एक वेबसाइट और मिस्ड कॉल नंबर जारी कर आम जनता से समर्थन जुटाने की अपील की है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “वोट चोरी, ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर सीधा हमला है।
राहुल ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है। उन्होंने चुनाव आयोग से पारदर्शिता बरतने और मतदाता सूची को डिजिटल रूप से सार्वजनिक करने की मांग की, ताकि जनता और राजनीतिक दल खुद उसका ऑडिट कर सकें।
उन्होंने लोगों से इस अभियान में जुड़ने के लिए कहा, “हमारी मांग का समर्थन करने के लिए वेबसाइट पर जाएं या 9650003420 पर मिस्ड कॉल दें।” राहुल गांधी का कहना है कि यह लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है और इसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।
वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ़-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है।
चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ़ है – पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट… pic.twitter.com/BIahCz2YBb
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 10, 2025
राहुल गांधी के इस पोस्ट के बाद समर्थकों ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी। कई लोगों ने उनके पोस्ट के कमेंट बॉक्स में अपने समर्थन का सर्टिफिकेट शेयर किया। एक समर्थक ने लिखा, “मैं प्रतीक पाटिल, #VoteChori के खिलाफ हूं और चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करता हूं।” वहीं, कुछ लोगों ने दिए गए नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद उसका स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए राहुल गांधी को टैग किया और लिखा, “सर मेरा समर्थन आपके साथ है।”
हालांकि राहुल गांधी के इस अभियान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी को भेजी गई अपील को साझा करते हुए उनसे डिक्लेरेशन दाखिल करने की मांग की। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उन अयोग्य मतदाताओं के नामों का खुलासा करने को कहा है, जिनके बारे में उनका दावा है कि वे मतदाता सूची में शामिल हैं।
If Rahul Gandhi values his own credibility, he must, under Declaration/Oath, submit the names of the ineligible electors he claims are on the voter list, as mandated by Rule 20(3)(b) of the Registration of Electors Rules, 1960.
Failure to do so will make it abundantly clear that… https://t.co/Fj9BuUtu7x
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 10, 2025
अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, “अगर राहुल गांधी अपनी विश्वसनीयता को महत्व देते हैं, तो उन्हें घोषणा/शपथ के तहत उन अयोग्य मतदाताओं के नाम प्रस्तुत करने होंगे, जैसा कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) में अनिवार्य किया गया है।”
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यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है, जब देश में चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को लेकर बहस तेज हो रही है। राहुल गांधी के अभियान को कांग्रेस पार्टी के डिजिटल और जमीनी नेटवर्क के जरिए आगे बढ़ाया जा रहा है, जबकि भाजपा इसे राजनीतिक स्टंट बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच एक और बड़ा राजनीतिक टकराव बन सकता है।