
पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की 'सीक्रेट' मीटिंग का सच सामने आया (फोटो- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi, PM Modi and Amit Shah Meeting: भारतीय राजनीति में आज एक बेहद दुर्लभ और चौंकाने वाली तस्वीर देखने को मिली है। संसद भवन के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच करीब दो घंटे तक एक अहम बैठक चली। बंद कमरे में हुई इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। हर कोई यह जानने को बेताब है कि आखिर सत्ता और विपक्ष के इन तीन दिग्गजों के बीच इतनी लंबी गुफ्तगू किस मुद्दे पर हुई और इसके क्या मायने हैं।
यह हाई-प्रोफाइल बैठक प्रधानमंत्री के कक्ष में आयोजित की गई थी। इसका मुख्य एजेंडा सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन में खाली पड़े अहम पदों को भरना था। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर और विजिलेंस कमिश्नर जैसे पदों पर नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई। खबर है कि राहुल गांधी ने सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिकारियों के चयन पर अपनी असहमति जताई है। इन नियुक्तियों को फाइनल करने के लिए ही यह लंबी मंत्रणा बुलाई गई थी।
इस बैठक के बीच राहुल गांधी के आगामी बर्लिन दौरे ने एक नया सियासी बवंडर खड़ा कर दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राहुल के विदेश जाने की खबरों पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने राहुल को ‘विदेश नायक’ करार देते हुए तंज कसा कि वे विपक्ष के नेता कम और ‘पर्यटन के नेता’ ज्यादा हैं। पूनावाला ने सोशल मीडिया पर कहा कि सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा लेकिन राहुल 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी में रहेंगे, जो उनकी गंभीरता पर सवाल उठाता है। उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान राहुल के विदेश में होने का भी जिक्र किया।
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दूसरी तरफ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने इस यात्रा को पार्टी के लिए बेहद अहम बताया है। राहुल गांधी 17 दिसंबर को बर्लिन में एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जहां वे पूरे यूरोप से आए आईओसी नेताओं और भारतीय समुदाय से संवाद करेंगे। संगठन का कहना है कि यह दौरा एनआरआई मुद्दों और कांग्रेस की विचारधारा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए है। आईओसी ऑस्ट्रिया के अध्यक्ष औसाफ खान ने बताया कि सैम पित्रोदा और डॉ. आरती कृष्णा जैसे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में राहुल गांधी का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात होगी।






