PM मोदी ने किया नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन
नई दिल्ली: आज यानी 19 जून को अब से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया।इसके पहले आज PM मोदी ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल प्राचीन नालंदा के खंडहरों का बुधवार को दौरा भी किया। प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं। इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन) तथा प्लास्टर, पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं। नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है।
इससे पहले आज PM मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर अपने एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत मददगार साबित होगा।”
#WATCH नालंदा, बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। pic.twitter.com/ghJCTuzfcX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2024
Prime Minister Narendra Modi, EAM Dr S Jaishankar, Bihar Governor Rajendra Arlekar, CM Nitish Kumar, Deputy CMs Samrat Choudhary and Vijay Sinha & other delegates at the new campus of Nalanda University. Ambassadors of 17 countries are also attending the event. pic.twitter.com/6IicJfnL6S
— ANI (@ANI) June 19, 2024
बता दें कि, विश्वविद्यालय का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी। इस अधिनियम में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए वर्ष 2007 में फिलीपीन में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi watches the ruins of ancient Nalanda University in Bihar.
He will inaugurate the new campus of Nalanda University shortly. pic.twitter.com/8lqkd8XVJu
— ANI (@ANI) June 19, 2024
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी जहां दुनियाभर से छात्र अध्ययन के लिए आते थे। विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए जाने से पहले यह प्राचीन विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा। विश्वविद्यालय में छह अध्ययन केंद्र हैं जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल; ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल; पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल; और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)