राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 से 14 नवंबर तक दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव का दौरा करेंगी। राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, 12 नवंबर को राष्ट्रपति दमन में एवियरी और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज तथा निफ्ट परिसर का दौरा करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 13 नवंबर को सिलवासा में नमो मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का दौरा करेंगी और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों से बातचीत करेंगी। इसके बाद, वह जांडा चौक स्कूल का उद्घाटन करेंगी और सिलवासा में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करेंगी। उसी शाम, वह आईएनएस खुखरी मेमोरियल का भी दौरा करेंगी।
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द्रौपदी मुर्मू 1979 से 1983 तक ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम की। 1994 से 1997 तक उन्होंने रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर स्कूल में शिक्षिका के तौर पर काम की , जहां उन्होंने हिंदी, ओडिया , गणित और भूगोल पढ़ाया। खास बात यह है कि उन्होंने स्कूल में कभी भी पूरा वेतन नहीं लिया।
1997 में, द्रौपदी मुर्मू महिलाओं के लिए आरक्षित सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गईं। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।
उन्होंने 2000 के ओडिशा विधानसभा चुनाव में रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और 2000 से 2009 के बीच ओडिशा विधानसभा में दो कार्यकाल पूरे किए । ओडिशा में भाजपा और बीजद गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री थीं , और 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री थीं।
2007 में, उन्हें ओडिशा विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार मिला। फिर 2009 में, वह मयूरभंज लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार गईं क्योंकि बीजद और भाजपा गठबंधन समाप्त हो गया था। 2013 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) के लिए चुनी गईं, और 2015 तक जिला अध्यक्ष रहीं।
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