राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन (सोर्स- सोशल मीडिया)
Strengthening India Russia Partnership: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए थे, जहां उन्होंने 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना था। दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके सम्मान में एक भव्य डिनर का आयोजन किया, जो दोनों देशों की मजबूत दोस्ती का प्रतीक था।
रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 4-5 दिसंबर को 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राजकीय यात्रा पर दिल्ली आए। राष्ट्रपति भवन में उनका आगमन पर भव्य औपचारिक स्वागत किया गया, जो दोनों राष्ट्रों के बीच गहरे संबंधों को दर्शाता है। यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब भारत और रूस अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जिसकी नींव अक्टूबर 2000 में रखी गई थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में एक विशेष रात्रिभोज का आयोजन किया। इस गरिमामय अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख भारतीय नेता उपस्थित थे। यह डिनर केवल एक औपचारिक मिलन नहीं था, बल्कि यह आपसी विश्वास और एक-दूसरे के राष्ट्रीय हितों के प्रति सम्मान पर आधारित दीर्घकालिक संबंध की मिसाल पेश करता है। नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक मजबूत आधार बना हुआ है।
शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने भारत-रूस संबंधों का एक सकारात्मक मूल्यांकन किया। यह संबंध राजनीतिक, सैन्य, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, परमाणु, अंतरिक्ष और सांस्कृतिक सहयोग सहित कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। नेताओं ने माना कि जटिल और चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति की पृष्ठभूमि में भी भारत-रूस संबंध सशक्त बने हुए हैं। दोनों पक्षों ने पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ सहयोग के नए रास्तों को सक्रिय रूप से तलाशने पर संतोष व्यक्त किया।
दोनों नेताओं ने समकालीन, संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभप्रद, टिकाऊ और दीर्घकालिक साझेदारी बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। उन्होंने रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए सभी प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। इस दिशा में, उन्होंने रूस के येकातेरिनबर्ग और कजान में भारत के दो नए महावाणिज्य दूतावासों के उद्घाटन का स्वागत किया।
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इन वाणिज्य दूतावासों से अंतर-क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार और आर्थिक संबंधों के साथ-साथ जन-जन के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों की साझेदारी को एक नया आयाम मिलेगा।