INS वाघशीर पर सवार राष्ट्रपति मुर्मू। इमेज-सोशल मीडिया
INS Vaghshir Submarine: भारत की राष्ट्रपति एवं सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज कर्नाटक दौरे पर हैं। यहां के कारवार नेवल बेस से द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना की स्वदेशी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार होकर पश्चिमी समुद्री तट पर ऐतिहासिक समुद्री यात्रा की। इस अहम अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी राष्ट्रपति के साथ रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। राष्ट्रपति मुर्मू कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी पर यात्रा करने वाली पहली राष्ट्रपति बन गई हैं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पनडुब्बी पर यात्री की थी। इस प्रकार यह किसी भी राष्ट्रपति द्वारा की गई दूसरी पनडुब्बी यात्रा है।
आईएनएस वाघशीर प्रोजेक्ट-75 के तहत निर्मित कलवरी श्रेणी की अत्याधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक आक्रमण पनडुब्बी है। जो भारतीय नौसेना की पनडुब्बी क्षमता, आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का सशक्त प्रतीक है। यह पनडुब्बी समुद्र के अंदर गुप्त अभियान, निगरानी, खुफिया जानकारी एकत्र करने और शत्रु जहाजों और पनडुब्बियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम है।
आईएनएस वाघशीर में 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीजल इंजन और 360 बैटरी सेल्स लगे हुए हैं। पानी की सतह पर इसकी गति 20 किमी प्रतिघंटा है। पानी के अंदर यह 37 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। इसकी रेंज गति के मुताबिक निर्धारित होती है। इस क्लास की पनडुब्बियों की लंबाई 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट होती है।
President Droupadi Murmu embarked the Indian Navy’s indigenous Kalvari class submarine INS Vaghsheer at Karwar Naval Base, Karnataka. The President is undertaking a sortie on the Western Seaboard. Chief of Naval Staff Admiral Dinesh K. Tripathi is accompanying the Supreme… pic.twitter.com/8LWzOkc4Ut — President of India (@rashtrapatibhvn) December 28, 2025
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारतीय नौसेना के साहस, तकनीकी दक्षता और पेशेवर प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही सशस्त्र बलों के प्रति सर्वोच्च नेतृत्व के विश्वास और समर्थन को भी मजबूती प्रदान करती है।
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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम सबमरीन में यात्रा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष बने। 13 फरवरी 2006 को डॉ. कलाम ईस्टर्न नेवल कमांड के तहत विशाखापट्टनम में सबमरीन में कुछ घंटों के लिए बंगाल की खाड़ी में रहे। उनके साथ तत्कालीन नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश थे। सबमरीन की कमान कमांडर पीएस बिष्ट संभाल रहे थे। इस यात्रा के बाद डॉ. कलाम ने कहा था कि पानी में सबमरीन में यात्रा करने का यह मेरा पहला अनुभव है। मैंने सीखा कि जब भारतीय नौसेना की यह साइलेंट फोर्स पानी के अंदर होती है तो कैसे काम करती है।