राज्यसभा के लिए नामित चारों सदस्य, फोटो: सोशल मीडिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, इनमें कानूनी, कूटनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक सेवा क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। जिन चार व्यक्तियों को उच्च सदन में नामित किया गया है, वे हैं वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और केरल के समाजसेवी सी. सदानंदन मास्टर।
इन चारों नामांकनों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(3) के तहत किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति को राज्यसभा में उन व्यक्तियों को नामित करने का अधिकार है जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया हो।
आतंकवाद और संगठित अपराध के मामलों में देश के जाने-माने अभियोजक उज्ज्वल निकम 1993 मुंबई बम धमाकों और 26/11 हमले जैसे मामलों में अभियोजन कर चुके हैं। निकम ने अपने कार्यकाल के दौरान कई चर्चित केस लड़े। इन्होंने न केवल अजमल कसाब को सजा दिलाने में भूमिका निभाई बल्कि मुम्बई बम ब्लास्ट, गुलशन कुमार की हत्या, कोपार्दी बलात्कार समेत कई बड़े केसों में अपराधियों को सजा दिलवाई है। उन्हें साल 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उज्ज्वल निकम 2024 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
पूर्व विदेश सचिव रहे श्रृंगला अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत रह चुके हैं। साल 2020 में श्रृंगला ने 33वें विदेश सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया था। ये विदेश मंत्रालय का सबसे बड़ा पद होता है। इसके साथ ही साल 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान श्रृंगला मुख्य समन्वयक की भूमिका में भी थे।
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इतिहासकार और लेखिका मीनाक्षी जैन को भारतीय इतिहास और संस्कृति पर आधारित शोध के लिए जाना जाता है। मीनाक्षी जैन दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी रह चुकी हैं और ‘सती’, ‘राम मंदिर’ और ‘मूर्तियों के पलायन’ जैसे विषयों पर चर्चित पुस्तकें लिख चुकी हैं। उन्हें पद्मश्री भी मिल चुका है।
केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर ने 1994 में हिंसा में अपने दोनों पैर खो दिए थे। इसके बावजूद उन्होंने शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। सदानंदन केरल के एक विद्यालय में 1999 से 2020 तक सामाजिक विज्ञान के अध्यापक रहे हैं। बताया जाता है कि जब वे 12 साल के थे तभी उन्होंने आरएसएस ज्वाइन कर लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन नामांकनों की सराहना करते हुए कहा कि ये चारों व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले हैं और राज्यसभा में इनकी उपस्थिति संसद को और समृद्ध करेगी। चारों नामांकित सदस्य 13 जुलाई 2025 से अपना कार्यकाल शुरू करेंगे, जो छह वर्षों तक यानी 12 जुलाई 2031 तक चलेगा।