हिमंता बिस्वा सरमा (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुस्लिम आबादी पर दिए विवादित बयान के बाद देश में सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता दानिश अली ने इस दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को झूठों के सरदार का अवॉर्ड असम के मुख्यमंत्री को देना चाहिए। वो इस काम में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। पूरे देश में केवल झूठ फैलाने का काम कर रहे हैं।
दानिश अली ने सरमा पर हमला बोलते हुए कहा कि अपने बयान से वो लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने आगे जनगणना की डेटा पर सफाई देते हुए कहा कि 1951 की जनगणना के मुताबिक असम में 25 फीसदी मुसमान थें। वहीं 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में 34.22 फीसदी मुसलमान आबादी है। ऐसा क्यों है इसके बारे में वो बात नहीं करते।
उन्होंने इसपर एक वजह बताते हुए कहा कि मैं बताता हूं ऐसा इसलिए क्योंकि नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय चार अलग राज्य बन गए। 1951 में ये सब असम का हिस्सा थे। अब ये जाहिर-सी बात है उनमें नॉन-मुस्लिम पॉप्युलेशन मेजॉरिटी थी। जिसकी वजह से असम में मुस्लिम पॉप्युलेशन बढ़ती हुई दिखाई दी। उन्होंने आगे सरमा के बयान पर तंज करते हुए कहा कि मै तो सीरियसली रिकेमेंड करूंगा कि झूठ का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिलना चाहिए।
दानिश अली ने असम के सीएम के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले पर भी तंज कसा। उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों-ढाबों पर मालिक और काम करने वाले के नाम लिखने के निर्देश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देशों को बांटने की कोशिश की जा रही है। यूपी में गंगा-जमुना की तहजीब हैं। यहां किसी भी गांव से कोई कांवड़ यात्री गुजरते हैं तो सब लोग उनका स्वागत करते हैं, चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम हो। उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे से वो डर गए हैं। जिसकी वजह से अब वो नया तरीका ढूंढनी की कोशिश में लगे हैं।
बता दें कि सरमा ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा। यह एक वास्तविकता है और इसे कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने दावा किया कि असम की कुल आबादी में मुस्लिमों की अब कुल 40% हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आबादी हर साल 10 में में लगभग 30% बढ़ रही है। सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के बीच पॉपुलेशन कंट्रोल करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए।