तस्वीर में बेंजामिन नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली: इजरायल बनाम हिज्बुल्ला, ईरान, हमास और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच जारी जंग के बीच पीएम मोदी ने नेतन्याहू से फोन पर बात की है। इस बातचीत में एक बार फिर पीएम मोदी ने शांति का पक्ष रखा है। इसके अलावा दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच और भी कई मुद्दों पर बातचीत हुई है।
इजराइल ने हाल ही में लेबनान में हमास पर हवाई हमला किया था, जिसमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया। हवाई हमले में हसन नसरल्लाह के अलावा 20 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए। हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। सोमवार को हुई इस बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, दुनिया में आतंकवाद और युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।
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इजरायली प्रधानमंत्री से हुई बातचीत को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट भी किया। उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों को लेकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात हुई। हमारी दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। भारत शांति और स्थिरता की जल्द बहाली के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Spoke to Prime Minister @netanyahu about recent developments in West Asia. Terrorism has no place in our world. It is crucial to prevent regional escalation and ensure the safe release of all hostages. India is committed to supporting efforts for an early restoration of peace and…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2024
पीएम मोदी ने इजराइली प्रधानमंत्री से ऐसे समय में बात की है, जब रविवार को लेबनान में इजराइली हवाई हमलों में कई लोग मारे गए। इजराइल ने हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर हमला किया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात करेंगे। बाइडेन ने इस बात पर जोर दिया था कि पश्चिम एशिया में युद्ध पूरी तरह खत्म होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पश्चिम एशिया में शांति की वकालत की थी।
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इस बीच, सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के लोगों को संबोधित किया। ईरान के शासक की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ईरान का शासन आप पर दमन कर रहा है। ऐसा करके पूरे क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेलने की कोशिश की जा रही है। ईरान के शासक का प्राथमिक उद्देश्य लोगों का कल्याण नहीं, बल्कि लेबनान और गाजा में युद्ध में पैसा बर्बाद करना है। जरा सोचिए कि अगर युद्ध पर खर्च हो रहा पैसा सामाजिक कल्याण के कामों में लगाया जाए तो कितना अच्छा होगा।