गौरव गोगोई, फोटो: सोशल मीडिया
Gaurav Gogoi: गौरव गोगोई ने पीएम के संसद में दिए उस संबोधन की विश्वनीयता पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने दुनिया के किसी भी देश के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को सामने आकर ट्रंप को हिदायत देनी चाहिए कि वो इस तरह की बात न करें। गोगोई ने कहा कि साफ जाहिर हो रहा है कि दोनों में से कोई एक तो सच नहीं बोल रहा है। ऐसे में यह देश के लोगों के बीच क्या दर्शाता है कि, दोनों देश के सरकारों के बीच इतना भी संतुलन नहीं है कि वे अपनी बातों में समन्वय रखें, एक दूसरे की बातों को साझा करें।
क्या अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बातचीत नहीं है। इसके अलावा पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के आका आसिम मुनीर भी व्हाइट हाउस में गए। ताज्जुब की बात है ये। इसलिए हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से बताएं कि क्या उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप से इस संदर्भ में बात की? अगर राष्ट्रपति ट्रंप गलत बयान दे रहे हैं तो क्या प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार चुप बैठेगी।
गौरव गोगोई ने पहलगाम टेरर अटैक के संबंध में कहा कि ये हमला किसी एक व्यक्ति ने तो नहीं करवाया होगा। इस हमले में पाकिस्तानी सेना भी शामिल है। पाकिस्तानी सेना ही विभिन्न आतंकवादी गुटों को प्रोत्साहित करता है। आतंकवादी गुटों का नेता आसिम मुनीर डोनाल्ड ट्रंप के अलावा दो अन्य देशों के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात कर रहा है।
गौरव गोगोई कहा कि यह अद्भुत तर्क है कि एक तरफ जहां आप ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय ले रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। यह गजब स्थिति है कि एक तरफ जहां ये ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय ले रहे हैं वहीं पहलगाम हमले का ठीकरा पंडित नेहरू पर फोड़ रहे हैं। आखिर ये क्यों? सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को यह बताएं कि पहलगाम अटैक में सिक्योरिटी फेलयोर था कि नहीं।
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गौरव गोगोई ने कहा कि सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी को यह बताएं कि पहलगाम टेरर अटैक में सिक्योरिटी की विफलता थी की नहीं। एलजी साहब एक जिम्मेदारी पद पर बैठे हुए थे। उन्होंने खुद इस बात को कबूल किया है कि पहलगाम टेरर अटैक में सिक्योरिटी की विफलता रही है। अब यह विफलता पंडित नेहरू की तो नहीं थी या यूपीए सरकार की तो नहीं थी या कांग्रेस की विफलता तो नहीं थी। आखिर यह विफलता किसकी थी?
आईएनएस इनपुट के साथ