RSS के 100 साल पर कार्यक्रम में पहुंच पीएम मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi in RSS 100 years Celebration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित शताब्दी समारोह में संघ के योगदान को जमकर सराहा। नई दिल्ली में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक मौके पर एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा कि संघ की 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा त्याग, निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण का एक असाधारण उदाहरण है और हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि इस पल की साक्षी बन रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जारी किए गए सिक्के और डाक टिकट की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय सिक्के पर भारत माता की भव्य छवि अंकित की गई है। 100 रुपये के इस स्मृति सिक्के पर संघ का बोधवाक्य भी लिखा है। इसके अलावा, डाक टिकट में 26 जनवरी 1963 की परेड में शामिल हुए संघ के स्वयंसेवकों की तस्वीर है, जो राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल करते नजर आ रहे हैं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं… अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा-… pic.twitter.com/nLkC8NtHCM — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 1, 2025
पीएम मोदी ने संघ की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि संघ ने राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण का रास्ता चुना, जिसकी शुरुआत शाखाओं से होती है। उन्होंने शाखाओं को ‘व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी’ बताया, जहां स्वयंसेवक की ‘अहं से वयम’ (मैं से हम) तक की यात्रा पूरी होती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य कार्य करते हैं। समर्पण, सेवा और राष्ट्र निर्माण की यही साधना संघ के सौ वर्षों के सफर का आधार बनी है।”
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प्रधानमंत्री ने देश के सामने आई हर चुनौती में संघ के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि विभाजन की पीड़ा से लेकर भुज में आए भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं तक, संघ के स्वयंसेवक हमेशा सबसे आगे खड़े रहे। पीएम मोदी ने 1984 के सिख दंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस कठिन समय में कई सिख परिवारों ने स्वयंसेवकों के घरों में आश्रय लिया था। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में संघ के पुराने स्वयंसेवक रहे विजय कुमार मल्होत्रा को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।