Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

27 जवानों के साथ 600 चीनी सैनिकों के छुड़ाए थे पसीने, कुछ ऐसे मौत को चकमा देकर भारत लौटे थे परमवीर धनसिंह थापा

आज हम याद करो कुर्बानी में बात एक ऐसे ही एक मां भारती के वीर सपूत मेजर धन सिंह थापा की करेंगे जिन्होने 1962 की जंग में 27 जवानों की एक टुकड़ी के साथ 600 चीनियों के छक्के छुड़ा दिए थे। इनकी वीरता को लेकर वीर बहादुर मेजर धन सिंह थापा को परमवीर चक्र मिला था।

  • By शुभम पाठक
Updated On: Aug 07, 2024 | 06:01 PM

परमवीर धनसिंह थापा

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: 1948 की भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई में जो भारत ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ाएं थे उसके बाद पाकिस्तान चुप हो गया, लेकिन फिर भारत के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में चीन सामने आ गया। साल था 1962 भारत-चीन सीमा पर ड्रैगन भारतीय जमीन निगलने की तैयारी में था या यू कहे निगलने लगा था। जिसका परिणाम युद्ध के रूप में सामने आया। उस युद्ध में भारत के ओर से कई वीर सैनिकों ने अपना बलिदान देते हुए भारत मां के ऊपर आंच नहीं आने दिया।

आज हम याद करो कुर्बानी में बात एक ऐसे ही एक मां भारती के वीर सपूत मेजर धन सिंह थापा की करेंगे जिन्होने 1962 की जंग में 27 जवानों की एक टुकड़ी के साथ 600 चीनियों के छक्के छुड़ा दिए थे। इनकी वीरता को देखते हुए बहादुर मेजर धन सिंह थापा को परमवीर चक्र मिला था।

चलिए अब 1962 के उस युद्ध पर एक नजर डालते है

चलिए अब आपको 1962 के उस युद्ध के समय में ले चलते है जहां मेजर धनसिंह थापा ने अकेले ही चीन के सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे। साल था 1962 भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ चुका था, 19-20 अक्टूबर की दरम्यानी रात चीनी सैनिकों ने गलवान की सिरिजाप चौकी पर हमला किया, इस चौकी की जिम्मेदारी मेजर धनसिंह थापा की अगुवाई में गोरखा रेजिमेंट संभाल रहा थी। थापा की टुकड़ी में 27 जवान शामिल थे और चीन की टुकड़ी में 600 से ज्यादा सैनिक थे चीनी सैनिकों ने मोर्टार और आर्टिलरी से हमला किया इस बीच भारतीय सैनिकों ने बंकर को और भी गहरा किया और लाइट मशीन गन से जवाबी हमला बोल दिया।

ये भी पढ़ें:- आप सांसद संजय सिंह और सपा नेता अनूप संडा की बढ़ी मुश्किलें, एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा के खिलाफ याचिका को किया खारिज

इसी भीषण गोलीबारी में कई रेडियो सेट्स खराब हो गए, जिसके कारण धनसिंह थापा की टुकड़ी का संपर्क टूट गया। लेकिन थापा और उनके सेकंड इन कमांड सूबेदार मिन बाहुदर गुरुंग का हौसला बरकरार रहा और फिर दोनों एक पोस्ट से दूसरे पोस्ट की तरफ भागते हुए मशीन गन से फायरिंग करते रहे, चीनी फौज जब पोस्ट के एकदम से करीब आ गई तो उन लोगों ने बम फेंकना शुरू किया। भारतीय सैनिक भी जवाब दे रहे थे।

20 सैनिकों ने गंवा दी थी अपनी जान

आज जानकर हैरान हो जाएंगे कि 27 सैनिकों के टुकड़ी में 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गवां दी। जिसके बाद थापा के साथ अब सिर्फ 7 जवान बचे थे, तभी चीनी फौजियों ने एक बार फिर हैवी मशीन गन और रॉकेट लॉन्चर से हमला कर दिया। धन सिंह थापा ने मोर्चा लिया लेकिन उनके चार और साथी शहीद हो चुके थे। धनसिंह थापा ने बचे तीन साथियों के साथ लड़ाई जारी रखी। थापा ने खुखरी से कई चीनी सैनिकों को मार डाला। लेकिन कुछ ही देर में धनसिंह थापा समेत 4 भारतीय सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया।

मौत के मुंह से वापस लौटे थापा

आपको बता दें कि जब चौकी पर चीनी कब्जे का समाचार सेना मुख्यालय पहुंचा तो सबने मान लिया कि मेजर धनसिंह थापा भी शहीद हो गए हैं। 28 अक्टूबर को उनके परिवार को चिट्ठी लिखकर उनके शहीद होने की सूचना भी दे दी गई थी। परिवार ने अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं भी पूरी कर ली।

ये भी पढ़ें:-‘जो बांग्लादेश में हो रहा वह भारत में भी हो सकता है’ सलमान खुर्शीद के इस भड़ाकाऊ बयान पर छिड़ा घमासान

लेकिन जब युद्ध समाप्त हुआ और चीनी सरकार ने युद्ध बंदियों की लिस्ट सौंपी तो उसमें मेजर धनसिंह थापा का नाम भी था। इसके बाद उनको रिहा कर दिया गया। जानकारी के लिए बता दें कि 10 मई 1963 को धनसिंह थापा का भारत लौटने पर भव्य स्वागत किया गया।

एक नजर परमविर धनसिंह थापा के जीवन काल पर

चलिए अब आपको बताते है कि धनसिंह थापा का प्ररांभिक जीवन कैसा था। जानकारी के लिए बता दें कि जन्म 10 अप्रैल 1928 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। उनके पिता श्री पदम सिंह थापा मगर थे। श्री थापा को 8 गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन में 28 अगस्त 1949 को शामिल किया गया था।

Paramveer dhansingh thapa had returned from china by dodging death know his heroic story

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 07, 2024 | 06:01 PM

Topics:  

  • Independence Day

सम्बंधित ख़बरें

1

PM मोदी ने बताया विकसित भारत का रोड मैप, रक्षा-टेक्नोलॉजी और कृषि में भारत के स्वालंबन की छलांग

2

निशानेबाज: मोदी ने क्यों नहीं किया नेहरू को याद, शरद पवार ने छेड़ा नया विवाद

3

गोंदिया में हर्षोल्लास से मनाया स्वतंत्रता दिवस, जिले के समग्र विकास के लिए शासन प्रतिबद्ध: लोढ़ा

4

15 अगस्त को मिली कटी-फटी आजादी…विजयवर्गीय के बयान से आया सियासी भूचाल, देखें- VIDEO

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.