पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, फोटो - मीडिया आर्काइव
Chandigarh: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य से गैंगस्टरों, अपराधियों और नशा तस्करों के पूरी तरह सफाए का संकल्प लिया है। होशियारपुर के जहान खेला में 2,490 नए पुलिस कर्मियों की पासिंग-आउट परेड में बोलते हुए, मान ने पिछली सरकारों पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में संगठित अपराध जड़ें जमा चुका था, लेकिन अब सरकार ने इन राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ा अभियान छेड़ दिया है। जल्द ही सभी अपराधी जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को पूरी तरह नशामुक्त बनाने के लिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। नशे की सप्लाई चेन को तोड़ा जा रहा है, तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उनकी संपत्तियां जब्त या ध्वस्त की जा रही हैं। उन्होंने इस अभियान में नव नियुक्त पुलिसकर्मियों से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की और कहा कि पंजाब पूरे देश की ओर से नशे के खिलाफ यह युद्ध लड़ रहा है।
2022 से अब तक 10,000 से अधिक युवा पुलिस बल में शामिल किए गए हैं और जल्द ही 10,000 और पुलिसकर्मियों की भर्ती होगी, जिसके लिए कैबिनेट जल्द मंजूरी देगी। मान ने कहा कि पुलिस को आधुनिक जांच तकनीकों, विज्ञान और टेक्नोलॉजी से लैस करना जरूरी है, ताकि नए जमाने के अपराधों का मजबूती से मुकाबला किया जा सके।
देश की अन्य रोचक खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
पंजाब सरकार ने देश में पहली बार ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ शुरू की है, जो राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई एक विशेष इकाई है। इस फोर्स में 1597 विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मी, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, और 144 आधुनिक वाहन तैनात किए गए हैं। ये 4,200 किलोमीटर लंबे हाईवे पर गश्त कर रहे हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में 48.10% की कमी आई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी संसद में इस पहल की सराहना की है।
सीएम मान ने साफ कहा कि अपराध और नशे के खिलाफ यह जंग अभी खत्म नहीं हुई। नए पुलिसकर्मी, सख्त कानून, तस्करों पर शिकंजा और सड़क सुरक्षा जैसी पहल के जरिए पंजाब सरकार अपराधमुक्त और नशामुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पंजाब जल्द ही अपराध मुक्त और नशे से पूरी तरह मुक्त हो पाएगा?