कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स - सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। मंगलवार दोपहर एक बजकर 10 मिनट पर पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे और गोलीबारी शुरू कर दी। भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और स्थिति को नियंत्रित किया। सेना के प्रवक्ता के अनुसार, इस दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ, जिससे पाकिस्तान के पांच सैनिक घायल हो गए। यह घटना ऐसे समय हुई है जब 2021 के संघर्ष विराम समझौते के बाद सीमा पर शांति बनी हुई थी।
भारतीय सेना को मंगलवार दोपहर सूचना मिली कि पाकिस्तानी सैनिक कृष्णा घाटी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ और फिर पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी। भारतीय सेना ने भी संतुलित जवाबी कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया।
इस घटना के बाद से भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क हो गई है और क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हालांकि, सेना ने पाकिस्तानी सेना की हताहतों की संख्या पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस झड़प में पाकिस्तान के कम से कम पांच सैनिक घायल हुए हैं। 2021 के समझौते के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं कम हुई थीं, लेकिन यह ताजा घटना सीमा पर तनाव को फिर से बढ़ा सकती है।
पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। घटना मंगलवार अपराह्न एक बजकर 10 मिनट पर हुई जिस पर भारतीय सैनिकों ने नियंत्रित और संतुलित तरीके से जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से किसी के हताहत होने का कोई जिक्र नहीं किया जबकि आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विस्फोट और उसके बाद दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी में दुश्मन सेना के पांच जवान घायल हो गए।
जम्मू स्थित सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने एक बयान में कहा एक अप्रैल को एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ के बाद कृष्णा घाटी सेक्टर में बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी और संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, हमारे सैनिकों ने नियंत्रित और संतुलित तरीके से जवाब दिया।
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स्थिति नियंत्रण में है और इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दोनों देशों के बीच 25 फरवरी 2021 को समझौते को बढ़ाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर संघर्ष विराम उल्लंघन की काफी कम घटनाएं हुईं हैं।
( ऐजेंसी इनपुट के साथ )