अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार देने का समर्थन करता पाकिस्तान (फोटो सोर्स-सोशल मीडिया)
Pakistan supports giving Nobel Prize to Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने का समर्थन पाकिस्तान कर रहा है। यह पूरा मामला अमेरिका के पूर्व रक्षा अधिकारी माइकल रुबिन की नजर में सही नहीं है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को आधुनिक ओसामा बिन लादेन बताया है। जनरल असीम के हालिया परमाणु हमले के संकेत को नजरअंदाज करना उनकी नजर में एक बड़ी बेवकूफी होगी। यह आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता है।
बीते दिन फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम के दौरान असीम मुनीर ने कहा कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व पर किसी भी तरह का खतरा आया तो वह बेझिझक आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा।
साथ ही भारत को चेतावनी भी दे डाली कि अगर देश ने जल प्रवाह रोका या पूर्वी मोर्चे से युद्ध थोपा तो इसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे। जनरल असीम के इतने बड़े बयान के बावजूद अमेरिकी सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
ANI से बातचीत के दौरान अमेरिका के पूर्व रक्षा अधिकारी माइकल रुबिन पर निशाना साधते हुए कहा कि , “डोनाल्ड ट्रंप एक व्यापारी हैं। नैतिकता या विचारधारा उनके लिए कतई मायने नहीं रखती है। हाल के दिनों में आंतक के मुल्क (पाकिस्तानियों) ने उनके अहंकार को भुनाया है और उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि, वह नोबेल पुरस्कार के असल हकदार हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि इस पूरे मसले की कीमत भारत को चुकानी पड़ रही है।
रुबिन के अनुसार, ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक मतभेद कायम कर लिया है। यह तनाव केवल संरक्षणवाद का नतीजा नहीं, बल्कि इसलिए भी है क्योंकि भारत ने उनके भारत-पाक संधि प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। माइकल रुबिन के अनुसार पाकिस्तान एक असफल राष्ट्र है। “जिस तरह सील टीम 6 ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को मारा, ठीक ऐसा ही समय वापस भविष्य में भी आ सकता है, जब प्रशासन को पाकिस्तान के परमाणु हथियार सुरक्षित करने के लिए फिर से कार्रवाई वापस दुहरानी पड़े।
रुबिन ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि पिछले 50 सालों में अमेरिका ने बार-बार याह्या खान, जिया-उल-हक, परवेज़ मुशर्रफ़ और अब असीम मुनीर जैसे सैन्य शासकों को प्राथमिकता दी है, जो कि कहीं से भी सही नहीं है।