लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार, शावन सिंह और उनके पिता के साथ (Image- Social Media)
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना कई जगहों पर तैनात थी। पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में भी सेना तैनात थी। यहाँ एक बच्चे ने सेना की बहुत मदद की थी। अब भारतीय सेना ने शावन सिंह नाम के इस बच्चे को एक तोहफ़ा दिया है। भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि वह दस साल के शावन सिंह की शिक्षा का खर्च उठाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के एक गाँव में गोलीबारी के दौरान उसने सैनिकों के लिए खाने-पीने का इंतज़ाम किया था।
शावन सिंह तारा वाली गाँव में तैनात सैनिकों के लिए काम करता था। जब गोलीबारी शुरू हुई, तो शावन सैनिकों के लिए पानी, बर्फ, चाय, दूध और लस्सी लेकर गया। लड़के के साहस और उत्साह को देखते हुए, भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने उसकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है।
शनिवार को फिरोजपुर छावनी में एक समारोह के दौरान, पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने भी बच्चे को सम्मानित किया। सेना ने कहा कि शावन की कहानी हमें देश भर के उन ‘नायकों’ की याद दिलाती है जो सम्मान और समर्थन के पात्र हैं।
फ़िरोज़पुर ज़िले के ममदोट इलाके में रहने वाले शावन ने पहले कहा था कि वह भी बड़ा होकर सेना में शामिल होना चाहता है। लड़के ने कहा, “मैं बड़ा होकर सैनिक बनना चाहता हूँ। मैं देश की सेवा करना चाहता हूँ।” लड़के के पिता ने तब कहा था, “हमें उस पर गर्व है। सैनिक भी उससे प्यार करते हैं।”
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस दौरान उसने सौ से ज़्यादा आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी दौरान पाकिस्तानी सेना ने भारतीय शहरों पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे नाकाम कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें- आज से शुरू होगा ‘संसद संग्राम’, ऑपरेशन सिंदूर-ट्रंप के दावे और SIR पर होगी जंग!
बता दें कि 7 मई को शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के बाद भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई थी, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख अड्डा शामिल है।