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RSS में ना ब्राह्मण, ना मुस्लिम, ना इसाई, सिर्फ हिन्दुओं को अनुमति: मोहन भागवत

Mohan Bhagwat: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ब्राह्मण, मुस्लिम और इसाईयों का आरएसएस स्वागत है लेकिन वे अलगाव छोड़कर भारत माता के पुत्र के रूप में आयें।

  • By प्रिया सिंह
Updated On: Nov 09, 2025 | 03:43 PM

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (सोर्स-सोशल मीडिया)

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RSS chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि कि RSS में सिर्फ हिन्दुओं को प्रवेश की अनुमति है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू कोई धर्म नही है बल्कि भारत का कोई भी मूल निवासी हिन्दू है।

भागवत ने कहा कि ब्राह्मण, मुस्लिम और इसाईयों का भी RSS की शाखाओं में स्वागत है लेकिन शर्त यह है कि वे अलगाव छोड़कर भारत माता के पुत्र के रूप में शामिल हों।

संघ में हिन्दुओं को मिलता है प्रवेश

मोहन भागवत संघ यात्रा के 100 वर्ष: नए क्षितिज व्याख्यान में बोलते हुए इस बात का उत्तर दे रहे थे कि क्या मुसलमानों को संघ में शामिल होने की अनुमति है। इसके बाद उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह ब्राम्हण हो या मुस्लमान हो या इसाई हो, किसी भी जाति विशेष को संघ में प्रवेश की अनुमति नही है। जाति के आधार पर संघ में सम्मिलित नही किया जाता है। संघ में केवल हिन्दुओं को ही शामिल किया जाता है। इसलिए किसी भी धर्म या सम्प्रदाय के लोग संघ में प्रवेश ले सकते हैं लेकिन वे अपनी जातिगत प्रथकता को अलग रखें।

उन्होंने कहा कि आपकी विशेषता का स्वागत किया जायेगा लेकिन जब आप संघ में हों तो भारत माता के पुत्र के रूप में और हिन्दू समाज के सदस्य के रूप में आते हैं। सभी धर्मों के लोग संघ में आते हैं लेकिन हम कभी उनकी जाति के आधार पर उनके साथ बात या काम नही करते हम उन्हें भारत माता का पुत्र मानते हैं और इसी आधार पर उनके साथ काम करते हैं।

भारत के लिए हिंदू जिम्मेदार

उनकी यह टिप्पड़ी उनके उस बयान के बाद आई जिसमे उन्होंने कहा था कि, “भारत के लिए हिंदू जिम्मेदार हैं।” और उन्होंने जोर देकर कहा था कि आरएसएस हिन्दू समाज को राष्ट्र के गौरव के लिए संगठित करना चाहता है ना कि किसी सत्ता या राजनीति के लिए। मोहन भागवत ने अपने बयान में यह भी कहा था कि भारत में कोई भी गैर-हिन्दू नहीं है क्योंकि सभी का वंश तो एक ही है और सभी लोग भारतीय संकृति का पालन करते हैं।

यह भी पढ़ें: ट्रंप के न्यूक्लियर दावे पर राजनाथ सिंह का पलटवार… भारत हर स्थिति के लिए है तैयार

विविधता में एकता

उन्होंने कहा कि, “सनातन धर्म हिन्दू राष्ट्र और विविधता को आत्मसात करते हुए भारत की एकता को बनाए रखने के लिए हिन्दू समाज का साथ आना आवश्यक है। उन्होंने कहा हमारी परम्परा विविधता को प्रभावित किए बिना एकता को बनाए रखने की है। क्योंकि विविधता ही एकता का श्रृंगार है।

No brahmins no muslims no christians only hindus are allowed in rss mohan bhagwat

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Published On: Nov 09, 2025 | 03:43 PM

Topics:  

  • Mohan Bhagwat
  • RSS
  • Sanatan Hindu religion

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