पुलिस हिरासत में बांग्लादेशी घुसपैठिया (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में, आरके पुरम इलाके में पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा, जो बाजार में स्क्रैप खरीदने के लिए घूम रहा था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन बाद में उसकी असली पहचान बांग्लादेशी नागरिक अफजुद्दीन गाजी के रूप में हुई। उसने 2022 में दलाल के जरिए बेनापोल-पेट्रापोल बॉर्डर पार कर भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया था। दिल्ली पहुंचने के बाद उसने पहले कूड़ा बीनने का काम किया और बाद में कबाड़ खरीदने लगा। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर एफआरआरओ के जरिए बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एफआरआरओ के उप निदेशक ने आरोपी पर विदेशी अधिनियम, 1948 के तहत भारत में उसके घूमने फिरने पर बैन लगा दिया है, साथ ही उसे बांग्लादेश भेजे जाने तक वह सेवा सदन, शहजादा बाग में रखा जाएगा। आरोपी अफजुद्दीन गाजी उर्फ गाजी दिल्ली में अलग-अलग जगहों से कबाड़ खरीदने का काम करता था।
पकड़े गए आरोपी अफजुद्दीन गाजी ने बताया कि उसने अपने दलाल रफीक को 4000 रुपये दिए थे, जिसने रात के अंधेरे में कंटीले तार काटकर उसे और तीन अन्य लोगों को भारतीय सीमा में दाखिल कराया। घुसपैठ के बाद वे बस के जरिए कोलकाता पहुंचे और फिर ट्रेन पकड़कर दिल्ली आ गए। यहां आकर उसने पहले कूड़ा बीनने का काम किया और बाद में स्क्रैप खरीदने लगा।
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13 मार्च को आरके पुरम थाने की पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति मोहम्मदपुर गांव में कबाड़ खरीदने के लिए घूम रहा है। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उसे दबोच लिया। शुरू में उसने खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन सत्यापन के बाद उसकी असली पहचान सामने आ गई। अफजुद्दीन गाजी को एफआरआरओ, आरके पुरम के सामने पेश किया गया, जहां विदेशी अधिनियम, 1948 के तहत उसकी भारत में आवाजाही पर रोक लगा दी गई। अब उसे बांग्लादेश भेजने तक सेवा सदन, शहजादा बाग में रखा जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली में अवैध घुसपैठियों की समस्या को उजागर कर दिया