नई दिल्ली/इंफाल. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना को लेकर तनाव व्याप्त है। इस घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है। NHRC ने मणिपुर सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
NHRC ने 4 मई 2023 को मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में एक भीड़ द्वारा एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को पुलिस हिरासत से ले जाने की घटना में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करने वाली शिकायतों का संज्ञान लिया है। NHRC ने अपने बयान में कहा, “कथित तौर पर, भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया। उनमें से एक के साथ बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया और परिवार के दो पुरुष सदस्यों की हत्या कर दी, जिन्होंने महिलाओं की रक्षा करने की कोशिश की।”
National Human Rights Commission (NHRC) has issued notices to the Chief Secretary and the Director General of Police, Manipur calling for a detailed report on the matter within 4 weeks that should include the status of the investigation of the FIRs registered with regard to the… https://t.co/SEqzeNAkec pic.twitter.com/GZebJTrL2S
— ANI (@ANI) July 20, 2023
NHRC ने इस मामले में मणिपुर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में घटनाओं के संबंध में दर्ज की गई एफआईआर की जांच की स्थिति, पीड़ित महिलाओं और अन्य घायल व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों को दिया गया मुआवजा यदि कोई हो तो शामिल होना चाहिए। इसके अलावा NHRC ने ऐसी बर्बर घटनाओं से नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
मणिपुर के इस शर्मनाक मामले में पुलिस ने अब तक चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया है। पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पुलिस नाकों पर तलाशी अभियान और चेकिंग कर रही है। दरअसल, चार मई का यह वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि विरोधी पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं। ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के गुरुवार को प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।