RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान (फोटो- सोशल मीडिया)
RSS Mohan Bhagwat Chief Statement: मोहन भागवत ने कोलकाता की धरती से एक ऐसा हुंकार भरा है जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने साफ कहा कि यदि हिंदू समाज एकजुट हो जाए, तो बंगाल के हालात बदलने में वक्त नहीं लगेगा। इतना ही नहीं, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी उन्होंने पहली बार इतनी बेबाकी से अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदुओं के लिए दुनिया में एकमात्र देश भारत ही है और सरकार को उनकी चिंता करनी ही होगी।
भागवत ने बांग्लादेश के मुद्दे पर बहुत ही गंभीर और सधे हुए शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने माना कि वहां हिंदुओं की स्थिति कठिन है और वे अल्पसंख्यक हैं, लेकिन सुरक्षा के लिए उन्हें वहां भी एकजुट रहना होगा। संघ प्रमुख ने कहा कि हम अपनी सीमाओं के भीतर रहकर जितनी मदद कर सकते हैं, उतनी कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार की भूमिका पर भी बड़ा संकेत दिया। उनका कहना था कि सरकार को इस पर संज्ञान लेना ही होगा और उन्हें कुछ न कुछ करना पड़ेगा। शायद वे पहले से ही कुछ कर रहे हों, क्योंकि हर रणनीति बताई नहीं जाती।
#WATCH | Kolkata, West Bengal: On the atrocities against Hindus in Bangladesh, RSS Chief Mohan Bhagwat says, “…They are a minority there, and the situation is quite difficult. Even though it’s difficult, for maximum protection, the Hindus there will have to stay united. And… pic.twitter.com/ZJgn1EG3wk — ANI (@ANI) December 21, 2025
मोहन भागवत ने कूटनीति की बारीकियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ बातें सार्वजनिक होती हैं और कुछ छिपी रहती हैं। कभी नतीजे तुरंत दिखते हैं, कभी वक्त लगता है, लेकिन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा जा सकता। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब हाल ही में मुर्शिदाबाद में TMC से सस्पेंड विधायक हुमायूं कबीर द्वारा प्रतीकात्मक रूप से बाबरी मस्जिद की नींव रखने की खबरें सामने आई थीं। ऐसे माहौल में भागवत का यह कहना कि ‘हिंदू एकजुट हो तो सब बदल जाएगा’, एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। उन्होंने दुनिया भर के हिंदुओं से भी बांग्लादेशी हिंदुओं की मदद के लिए आगे आने की अपील की।
यह भी पढ़ें: ‘सब झूठ फैलाया गया’, बांग्लादेशी मीडिया की पोल खोलते हुए भारत ने सुनाई खरी-खरी; जानें पूरी सच्चाई
कोलकाता के साइंस सिटी सभागार में संघ के शताब्दी समारोह में बोलते हुए मोहन भागवत ने अपने विरोधियों को भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संघ का कोई दुश्मन नहीं है, लेकिन कुछ लोग अपने ‘संकीर्ण स्वार्थ की दुकानें’ बंद होने के डर से हमारे खिलाफ भ्रम फैलाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरा काम राजनीतिक सत्ता बदलना नहीं, बल्कि समाज को बदलना है। हम सामाजिक परिवर्तन के लिए काम कर रहे हैं। अगर समाज का चरित्र बदल गया और वह संगठित हो गया, तो राजनीति अपने आप बदल जाएगी। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे सुनी-सुनाई बातों पर नहीं, बल्कि वास्तविकता और अपने अनुभव पर भरोसा करें।