अजहरुद्दीन की कैबिनेट में एंट्री पर तेलंगाना में सियासी बवाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Mohammad Azharuddin Join Revanth Reddy Cabinet: तेलंगाना की राजनीति में इस वक्त बड़ी राजनीतिक खलबली मची हुई है। मामला कुछ ऐसा है कि पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में शामिल करने की खबरें आईं और इधर राजनीतिक गलियारों में हलचल चालू हो गई। जानकारी है अजहरुद्दीन शुक्रवार को शपथ ले सकते हैं। लेकिन इस फैसले पर BJP और BRS ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि यह सब 11 नवंबर को होने वाले जुबली हिल्स उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अजहरुद्दीन शुक्रवार दोपहर 12.15 बजे शपथ ले सकते हैं। इस कदम से वह रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में पहले अल्पसंख्यक प्रतिनिधि बन जाएंगे। वर्तमान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 15 सदस्य हैं, जबकि प्रावधानों के अनुसार तीन और मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि अजहरुद्दीन 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स सीट से हार गए थे। यह सीट 2014 से बीआरएस के पास है।
भाजपा ने इस ‘प्रस्ताव’ को आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन बताते हुए बृहस्पतिवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि यह प्रस्ताव मतदाताओं के एक वर्ग को लुभाने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से लाया गया है और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता जी किशन रेड्डी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस से पूछा कि उपचुनाव से ठीक पहले अजहरुद्दीन को अचानक मंत्री क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “उपचुनाव में बस एक हफ्ता बाकी है, ऐसे में अल्पसंख्यकों के प्रति अचानक इतना प्रेम क्यों? किसके फायदे के लिए उन्हें मंत्री बनाया जा रहा है, किसे खुश करने के लिए?”
जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इतनी हताश है कि वह उपचुनाव जीतने के लिए AIMIM के पैर पकड़ने और अजहरुद्दीन को मंत्री बनाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि दरअसल, एआईएमआईएम ही कांग्रेस की आड़ में जुबली हिल्स उपचुनाव लड़ रही है।
यह भी पढ़ें: इंदिरा गांधी पुण्यतिथि विशेष: वो 31 गोलियां, 2:23 बजे की घोषणा और ‘आयरन लेडी’ की अमर विरासत
जवाब में, कांग्रेस ने इस कदम का बचाव किया है। उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अजहरुद्दीन को शामिल करना क्रिकेटर और राजनेता, दोनों के रूप में उनके योगदान को मान्यता देता है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “भाजपा और बीआरएस के बीच सांठगांठ है और इसीलिए वे उनकी पदोन्नति का विरोध कर रहे हैं।”