मणिपुर में राज्य सड़क परिवहन बस में राज्य का नाम ढकने के विवाद
इंफाल: मणिपुर प्रशासन ने बुधवार को उन आरोपों से इनकार किया जिसमें कहा गया है कि हाल ही में उखरुल में शिरुई महोत्सव के दौरान राज्य सड़क परिवहन की बस से राज्य का नाम जानबूझकर ढका गया था। प्रशासन ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई का न तो पहले से कोई निर्देश था और न ही दूर-दूर तक विचार था। ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
मणिपुर में राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में राज्य का नाम ढके जाने को लेकर कुछ दिन से बवाल चल रहा था।उखरुल में आयोजित शिरुई महोत्सव में राज्य भर से लगभग 1.70 लाख पर्यटक आए थे। 20 मई को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तहत शिरुई महोत्सव के लिए पत्रकारों को ले जा रही एक बस को रोका गया और कथित तौर पर राज्य का नाम ढक दिया गया जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
प्रशासन की ओर से राज्य के नाम को ढकने को लेकर कोई निर्देश या दूर-दूर तक विचार नहीं किया गया था। यह राज्य सरकार के साथ-साथ जिम्मेदार राजनीतिक नेतृत्व की ओर से भी स्पष्ट किया जा चुका है। जमीनी स्तर पर क्या हुआ, यह पूरी जांच के बाद ही पता चलेगा। बयान में कहा गया कि राज्य प्रशासन ने इस अप्रिय घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है और इस पर गहरा खेद व्यक्त करता है।
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मामले की जांच के लिए राज्यपाल ने आयुक्त (गृह) और सचिव (आईटी) की सदस्यता वाली एक जांच समिति गठित की है, जिसे निर्धारित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है, हम सभी संबंधित पक्षों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि एक बार रिपोर्ट प्रस्तुत हो जाने और चूक के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान हो जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा गया कि राज्य यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटना न हो।
पिछले दिनों सड़क परिवहन की बस का नाम ढकने को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। मामले ने तूल पकड़ तो प्रशासन ने बयान जारी कर सफाई दी है।