ममता बनर्जी और प्रदीप भंडारी, फोटो- सोशल मीडिया
Pradeep Bhandari on Mamata Banerjee: भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘फर्जी वोटरों की सफाई प्रक्रिया’ से डरी हुई हैं, इसलिए टीएमसी बौखलाहट के मोड में है। भंडारी के अनुसार, फर्जी नामों के हटने से बंगाल की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर ‘फर्जी वोटरों का कब्जा खत्म होने’ जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में मतदाता सूची से संबंधित एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर सीधा निशाना साधा है।
नई दिल्ली से जारी बयान में, भंडारी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ‘फर्जी वोटरों की सफाई प्रक्रिया’ से घबराई हुई हैं, और यही वजह है कि टीएमसी अब पूरी तरह से ‘बौखलाहट के मोड में’ आ गई है। उन्होंने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि क्या ममता बनर्जी फर्जी वोटर डिलीशन से डरी हुई हैं, क्योंकि अब बंगाल की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर फर्जी वोटरों का कब्जा खत्म होने जा रहा है।
प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का यह सारा ‘शोर-शराबा जनता के लिए नहीं है,’ बल्कि उन वोटरों के लिए है जिन पर उनकी राजनीति पूरी तरह से टिकी हुई है। भंडारी ने दावा किया कि ममता बनर्जी का ‘सबसे बड़ा अवैध वोट बैंक’ तीन मुख्य हिस्सों में बंटा हुआ है। इस वोट बैंक में अवैध घुसपैठिए, फर्जी वोटर आईडी वाले लोग, और कट-मनी की राजनीति से जुड़े लोग शामिल हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि ममता बनर्जी अच्छी तरह जानती हैं कि जब मतदाता सूची से फर्जी नाम हटाए जाएंगे, तब उनकी घुसपैठ पर आधारित राजनीति ध्वस्त हो जाएगी। भंडारी ने दावा किया कि बंगाल में लंबे समय से फर्जी वोटिंग और अवैध घुसपैठ की राजनीति चल रही थी। एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची की सफाई होने जा रही है, जिससे यह ‘खेल खत्म होने वाला है’। प्रदीप भंडारी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के अंत में यह भी कहा कि ममता बनर्जी को जाना होगा, ताकि पश्चिम बंगाल को अवैध घुसपैठ और फर्जी वोटिंग से बचाया जा सके।
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प्रदीप भंडारी के इस तीखे बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। एक ओर, भाजपा समर्थक इस आरोप को ‘सच्चाई का आईना’ बता रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भंडारी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘राजनीतिक प्रोपेगेंडा’ करार दिया है।