सोनम वांगचुक (फोटो- सोशल मीडिया)
Sonam Wangchuk Arrested: सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक को लेह में पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया है। उन पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए गए हैं। वांगचुक लद्दाख के विशेष दर्जे और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
Climate activist Sonam Wangchuk arrested by Ladakh police team led by DGP S D Singh Jamwal: Officials. pic.twitter.com/muxsxhSa5U — Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2025
इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (FCRA) के विदेश फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया। इसे लेकर उन्होंने सरकार को चेतावनी दी थी। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक लद्दाख में हुए आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई जबकि 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
वांगचुक ने लेह एपेक्स बॉडी (ABL) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मिलकर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ा। इन मांगों को लेकर उन्होंने 10 सितंबर 2025 को भूख हड़ताल शुरू की थी, जो 15 दिनों तक चली और 24 सितंबर को समाप्त हुई, जब हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया।
प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद यह मामला राजनीतिक विवाद में तब्दील हो गया। सरकार ने वांगचुक पर उकसाने वाले भाषणों का आरोप लगाया, जिनमें उन्होंने अरब स्प्रिंग जैसा विरोध और नेपाल में जेन-जी आंदोलन जैसे हिंसक आंदोलन का इस्तेमाल किया था। गृह मंत्रालय का मानना है कि उनके भाषणों ने भीड़ को भड़काया।
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वांगचुक की गिरफ्तारी से पहले लेह-लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने एक उच्चय स्तरीय मीटिंग बुलाई। वहीं केंद्र सरकार ने हिंसा के जांच के आदेश दिए है। इससे पहले बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया “10 सितंबर को सोनम वांगचुक द्वारा भूख हड़ताल शुरू की गई, जिसमें लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की गई।”
बयान में आगे कहा गया “यह सर्वविदित है कि भारत सरकार इन मुद्दों पर ABL और KDA के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रही है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति, उप-समितियों और कई अनौपचारिक बैठकों के माध्यम से सरकार इन प्रतिनिधियों के साथ निरंतर बातचीत कर रही है।”