शिवराज सिंह चौहान (सोर्स: सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यानी 5 मार्च को अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर हम आपको कृषि मंत्री के बचपन और छात्र जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद ही आपने इससे पहले सुनी या पढ़ी होंगी। शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व क्षमता का नमूना उनके स्कूल के दिनों में ही देखने को मिल गया था। उन्होंने भोपाल के टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल से अपनी पढ़ाई की है। इसी स्कूल से एक छात्र नेता के रूप में उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत भी हुई।
शिवराज सिंह चौहान का जन्म सिहोर जिले के जैत गांव में 5 मार्च 1959 को प्रेम सिंह चौहान और सुंदरबाई चौहान के घर हुआ। उनका परिवार मध्यमवर्गीय परिवार था। शुरू से पढ़ाई में होनहार शिवराज अपने कुशल नेतृत्व के लिए भी जाने जाते थे।
शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व को निखारने में उनके मॉडल स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल केसी जैन की अहम भूमिका रही है। केसी जैन के अनुसार स्कूल के दिनों में शिवराज शरारती हुआ करते थे, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता भी काबिले तारीफ थी। वह छात्र जीवन में भी अपने साथियों और सहपाठियों के बीच काफी लोकप्रिय थे। किसी के साथ होता अन्याय उनको बचपन से ही सहन नहीं होता था। वह हर गलत बात का विराेध खुलकर करते थे।
शिक्षक केसी जैन बताते हैं कि अपनी इसी बेबाकी और बेखौफ अंदाज के चतले शिवराज कक्षा में सभी छात्रों के पसंदीदा थे। इसीलिए छात्र संघ चुनाव में सभी विद्यार्थियों ने शिवराज का नाम आगे बढ़ाया। उनके लिए सभी ने चुनाव प्रचार भी किया। मतदान के समय सभी छात्रों के पास इत्र की शीशी थी। वोट डालने के कागज पर इत्र की बूंदें डाली गईं। उन्होंने टीटी नगर मॉडल स्कूल के छात्र संघ अध्यक्ष का जीता। यह उनके जीवन का पहला चुनाव था।
शिवराज के शिक्षक केसी जैन के मुताबिक बच्चों को लेकर स्कूल से गोवा ट्रिप गई हुई थी। लौटते वक्त सभी बच्चे काफी शरारत कर रहे थे। सुनसान इलाका होने के चलते सभी बच्चों को बार-बार शांत रहने को कहा गया। लेकिन किसी ने नहीं मानी, तब शिवराज को सबसे पहले डांट पड़ी और दो, तीन चांटे भी जड़े, लेकिन उस ट्रिप के दौरान जब गाड़ी का ब्रेक फेल हुआ तो सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान ने ही निडरता दिखाई, जिससे हमारी जान बच सकी थी।
शिवराज सिंह चौहान 13 साल की उम्र में RSS से जुड़ गए। इसके बाद भाजपा ने 1990 में बुधनी विधानसभा से चुनाव लड़ाया। वे इस चुनाव को जीत कर पहली बार विधायक बन गए। 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। वे यहां से लगातार पांच बार सांसद रहे।
साल 2006, 2008, 2013 और 2018 में बुधनी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। शिवराज सिंह चौहान को वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। नवंबर 2005 को पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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इसके बाद दिसंबर 2008 में दूसरी, 2013 में तीसरी बार 2013 में मुख्यमंत्री बने। हालांकि साल 2018 के चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन सिर्फ 15 महीने बाद 2020 में वे फिर से सत्ता पर काबिज हो गए। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड शिवराज सिंह के नाम ही है।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर से विदिशा संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतारा। वे यहां से जीत गए और लोकसभा सदस्य बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उन्हें कृषि मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। कृषि के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले शिवराज सिंह चौहान अब केंद्रीय कृषि मंत्री है।