कर्नाटक के राजनेता डीके शिवकुमार,बसनगौड़ा पाटिल और सीटी रवि
Bengaluru: कर्नाटक में ठेकेदारों के लंबित भुगतानों को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने पिछली बीजेपी सरकार पर भुगतान रोकने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी नेता सी.टी. रवि और विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी.टी. रवि ने कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाने के बजाय अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “हर सरकार के बाद कुछ न कुछ भुगतान बाकी रहता है। सरकार ने जब कोई काम स्वीकृत किया, उसे पूरा करवाया, तो भुगतान की जिम्मेदारी भी सरकार की ही बनती है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास राजस्व संग्रह का साधन है और उसे ठेकेदारों के बकाए जल्द से जल्द चुकाने चाहिए।
बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि ठेकेदारों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने कहा, “कर्नाटक में ठेकेदार आत्महत्या कर रहे हैं। राज्य सरकार भुगतान नहीं कर रही है, लेकिन आंध्र प्रदेश के ठेकेदारों का समर्थन कर रही है।” यतनाल ने राज्य सरकार पर वादे पूरे न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, राज्य सरकार की गारंटियां सिर्फ कागजों में हैं। बजट केवल एक किताब बनकर रह गया है, कोई भी वादा पूरा नहीं हो रहा। आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है, इसलिए हमें इस सरकार के बजट से कोई उम्मीद नहीं है।
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उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पिछली बीजेपी सरकार पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान 1.25 लाख करोड़ रुपये के कार्य शुरू किए गए, लेकिन राज्य का पूंजीगत बजट सिर्फ 16,000 करोड़ रुपये का है। उन्होंने ठेकेदारों के संगठन से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार लंबित भुगतानों को लेकर गंभीर है, लेकिन यह समस्या पिछली सरकार की देन है।
इस पूरे विवाद में जहां राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, वहीं ठेकेदारों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। कई परियोजनाओं का भुगतान लटका हुआ है और इसका सीधा असर ठेकेदारों और श्रमिकों पर पड़ रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए क्या कदम उठाती है।