HD रेवन्ना को कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में किया बरी, फोटो- सोशल मीडिया
HD Revanna Acquitted: कर्नाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। बेंगलुरु की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और वरिष्ठ नेता एचडी रेवन्ना को यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुक्त कर दिया है। न्यायाधीश ने शिकायत दर्ज करने में हुई अत्यधिक देरी को कानूनी संज्ञान न लेने का मुख्य कारण बताया।
अदालत का फैसला और कानूनी तर्क बेंगलुरु की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) अदालत के न्यायाधीश के एन शिवकुमार ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। यह मामला हासन जिले के होलेनारसीपुर टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज करने या अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने में जो चार साल की देरी हुई, उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस तकनीकी और कानूनी बिंदु के आधार पर अदालत ने आरोपी नंबर 1, एचडी रेवन्ना, को मामले से बरी कर दिया।
एचडी रेवन्ना ने पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपने खिलाफ दर्ज इस मामले को रद्द करने की याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद मामले को वापस निचली अदालत में भेज दिया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत को विशेष रूप से यह विचार करने का निर्देश दिया था कि क्या शिकायत दर्ज करने में हुई चार साल की देरी को माफ किया जा सकता है या नहीं। इसी निर्देश के अनुपालन में सुनवाई करते हुए अदालत ने देरी को माफी के योग्य नहीं माना और मामले का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।
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यह मामला उस समय प्रकाश में आया था जब एचडी रेवन्ना के बेटे और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण और बलात्कार के कई मामले दर्ज किए गए थे। प्रज्वल रेवन्ना मामले की ही एक शिकायतकर्ता महिला ने पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जहां एक ओर एचडी रेवन्ना को इस मामले में राहत मिली है, वहीं उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना को उनके खिलाफ दर्ज चार मामलों में से एक में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्वल की उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था, जिनमें उन्होंने अपने मुकदमों को बेंगलुरु की विशेष अदालत से कहीं और स्थानांतरित करने की मांग की थी।