Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

सरहद-सेना और सियासत: क्या पूर्व PM गुजराल की एक गलती का नतीजा था कारगिल युद्ध? चकमा देने में कामयाब हो गई थी ISI

भारत के 13वें प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की रणनीतिक चूक की वजह से कारगिल युद्ध हुआ था। शांति की चाह में गुजराल ने पाकिस्तान से RAW एजेंटों को वापिस बुला लिया। इसके बाद पाक ने कारगिल में घुसपैठ कर दी।

  • By सौरभ पाल
Updated On: May 03, 2025 | 11:32 AM

कारगिल युद्ध, इंद्र कुमार गुजराल (फोटो- सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डिजिटल डेस्कः कारगिल युद्ध की विजय गाथा का जब-जब जिक्र होगा, उसमें भारत के 13वें प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल का जिक्र अवश्य होगा। क्योंकि उनकी शांति की कोशिशों ने ही भारत को युद्ध में झोंक दिया था। गुजराल का जन्म पाकिस्तान के पंजाब में हुआ था।  बंटवारे के बाद उनके माता-पिता भारत आ गए। आगे चलकर वह भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्हीं के कार्यकाल में कारगिल का खेल होने की पाकिस्तानी योजना बनने लगी थी। कारगिल युद्ध को उनकी गलत नीतियों की देन बताया गया, जिसे ‘गुजराल सिद्धांत’ कहकर संबोधित गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक में एक बार फिर तनाव तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में सरहद-सेना और सियासत के दूसरे एपिसोड जानिए पूर्व पीएम गुजराल की वो गलती, जिसके कारण हुआ कारगिल युद्ध।

भारत पाकिस्तान के बीच चौथा युद्ध कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। जुलाई 1999 में जम्मू-कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ किया था। इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाकर पाकिस्तानी घुसपैठ को नाकाम किया। इस युद्ध में भारतीय वायु सेना और थल सेना ने मिलकर पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा और घुसपैठ वाले इलाकों को मुक्त करवाया। उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।

पाकिस्तान से वापस बुला लिए थे RAW एजेंट

भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर अपनी छाप छोड़ने के मकसद से इंद्र कुमार गुजराल ने ‘गुजराल सिद्धांत’ नीति का उपयोग किया। इसी नीति के तहत पाकिस्तान में काम कर रही भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के ऑपरेशन बंद करवा दिए थे। इसके खामियाजे का भुगतान भारत को कारगिल युद्ध के रूप में करना पड़ा। क्योंकि पाकिस्तान से किसी प्रकार का इंटेलीजेंस इनपुट मिलना बंद हो गया, जो सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा फेलियर साबित हुआ। इसका फायदा ISI ने उठाया।

कहते हैं कि पूर्व पीएम गुजराल का मानना था कि भारत को अपनी क्षमता के अनुरूप वैश्विक शक्ति बनने के लिए दो दुश्मन पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने होंगे। यह सिद्धांत पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के कार्यकाल में तैयार किया गया था। उस समय गुजराल विदेश मंत्री थे। हालांकि इसको पड़ोसी देश पर लागू तब किया गया, जब गुजराल प्रधानमंत्री बने।

राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से बड़ी चूक

इसका एक फायदा यह भी हुआ कि जब लाहौर में धमाके हुए तो पाकिस्तान इसका आरोप भारत पर नहीं मढ़ सका, लेकिन इसके बाद भारत की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान में किसी तरह का स्पेशल ऑपरेशन नहीं चला पाई और न ही हमें पाकिस्तान की खुफिया जानकारियां मिल सकीं। सुरक्षा के कई जानकार कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से इस फैसले को बड़ी चूक मानते हैं।

सिद्धांत के बचाव में गुजराल की सफाई

राजनीति से दूर होने के लंबे समय बाद गुजराल अपने ‘गुजराल सिद्धांत’ का बचाव करते हुए अपनी किताब ‘मैटर्स ऑफ डिस्क्रेशन’ में लिखा कि भारत को अगर पाकिस्तान और चीन जैसे दो दुश्मन देशों से निपटना है, तो बाकी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे और शांतिपूर्ण रिश्ते जरूरी हैं। यही इस सिद्धांत का मूल विचार था।

सरहद-सेना और सियासत: भारत-पाकिस्तान का पहला युद्ध, भाग रहे थे जिन्ना के लड़ाके तभी नेहरू से हुई गलती…बन गया POK

गुजराल की वजह से भारत को मिला रूस जैसा दोस्त

गुजराल 1960 के दशक में इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री बने थे, लेकिन आपातकाल के समय उनका संजय गांधी से विवाद हो गया, जिसके बाद उनसे सूचना प्रसारण मंत्रालय छीन लिया गया और योजना मंत्रालय भेज दिया गया। उनकी जगह एक सख्त नेता विद्या चरण शुक्ल को लाया गया। हालांकि यह विवाद उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि बाद में उन्हें सोवियत रूस भेजा गया, गुजराल ने ही भारत और रूस के संबंधों को मजबूत बनाया। उन्हीं की वजह से एक रूस के रूप में भारत को एक सच्चा दोस्त मिला।

Kargil war happened due to wrong decision of inder kumar gujral

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: May 02, 2025 | 06:00 AM

Topics:  

  • Indian Army
  • Kargil War
  • Pakistan

सम्बंधित ख़बरें

1

पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर हमला, कट्टरपंथियों ने उपासना स्थलों को किया आग के हवाले

2

कप्तान नहीं हो ना…तो कप्तान को भेजो, योगी राज में जवान के अपमान पर भड़के संगीत सोम, देखें- VIDEO

3

एशिया कप नहीं खेलेगा पाकिस्तान, PAK के हटने से इस देश को हुआ फायदा; अब टूर्नामेंट में मिला मौका

4

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के वेतनमान में भारी असमानता, स्थिति खराब, लिस्ट में पाकिस्तान सबसे ऊपर

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.